दो अस्पतालों के बीच उलझकर चली गई मरीज की जान, आयोग ने तलब किया प्रतिवेदन
By शिवअनुराग पटैरया | Published: July 8, 2020 09:09 PM2020-07-08T21:09:19+5:302020-07-08T21:09:19+5:30
भोपाल शहर में दो अस्पतालों के बीच उलझकर बीते सोमवार को एक कोरोना पेशेंट की जान चली गई. बिजली कम्पनी के लाइन इंस्पेक्टर 59 वर्षीय वाजिद अली पीपुल्स हाईटेक अस्पताल मालवीय नगर में 13 दिन पहले किडनी के इलाज के लिये भर्ती हुए थे.
भोपालः दो अस्पतालों के विवाद में कोरोना पीड़ित मरीज की जान चली जाने पर मानव अधिकार आयोग ने जवाब तलब किया है. आयोग ने इस मामले में कलेक्टर, स्वास्थ्य विभाग और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी से प्रतिवेदन मांगा है.
भोपाल शहर में दो अस्पतालों के बीच उलझकर बीते सोमवार को एक कोरोना पेशेंट की जान चली गई. बिजली कम्पनी के लाइन इंस्पेक्टर 59 वर्षीय वाजिद अली पीपुल्स हाईटेक अस्पताल मालवीय नगर में 13 दिन पहले किडनी के इलाज के लिये भर्ती हुए थे.
बीते सोमवार सुबह उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पाजिटिव आई तो शाम को उन्हें लेने चिरायु अस्पताल से एम्बुलेंस आई. तबियत बिगड़ने लगी तो ड्राइवर उन्हें रास्ते से वापस ले आया, लेकिन पीपुल्स अस्पताल ने दोबारा भर्ती करने से मना कर दिया. स्ट्रेचर भी नहीं दिया. इस पर ड्रायवर पेशेंट को पार्किग एरिया में उन्हें जमीन पर ही पटककर चला गया.
बाद में पीपुल्स अस्पताल के पीपीई किट में दो कर्मचारी आक्सीजन लेकर आए, उन्हें स्ट्रेचर पर लेटाया. सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन तब तक उनकी सांसें टूट चुकी थीं. सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी ने कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने का कहा है. इस मामले में आयोग के नरेन्द्र कुमार जैन ने प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, कलेक्टर, भोपाल तथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है.