कानपुर शेल्टर होम की असलियत, 100 की जगह रहती थीं 171 लड़कियां, NHRC ने योगी सरकार को भेजा नोटिस

By पल्लवी कुमारी | Published: June 23, 2020 11:32 AM2020-06-23T11:32:35+5:302020-06-23T11:32:35+5:30

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर के सरकारी शेलटर होम में रखी गई सात लड़कियों के गर्भवती होने के मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सरकार पर निशाना साधा है। 

kanpur shelter home case maximum capacity NHRC issues notice to UP GOVT, DGP | कानपुर शेल्टर होम की असलियत, 100 की जगह रहती थीं 171 लड़कियां, NHRC ने योगी सरकार को भेजा नोटिस

शेल्टर होम (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsकानुपर जिला प्रशासन ने रविवार (21 जून) को सफाई दी थी कि शेल्टर होम में लाए जाने के समय ही लड़कियां गर्भवती थीं।प्रशासन के मुताबिक जो पांच गर्भवती लड़कियां कोरोना संक्रमित हैं, उनमें से चार केस में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।

कानपुर: कानपुर जिले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह (शेल्टर होम) में रहने वाली 57 नाबालिग लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित पाई गई हैं।  संक्रमित पाई गई लड़कियों में से पांच गर्भवती हैं और एक को एड्स (एचआईवी) है। शेल्टर होम में कुल 7 लड़कियां गर्भवती हैं। इस मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है। इसी बीच ये रिपोर्ट आ रही है कि शेल्टर होम में क्षमता से अधिक लड़कियां रह रही थीं।

नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शेल्टर होम में 100 लड़कियों के ही रहने की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में वहां में 171 लड़कियां रह रहीं थी। 

कानपुर शेल्टर होम केस:   NHRC ने जानें नोटिस में योगी सरकार और यूपी पुलिस को क्या कहा? 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने खबरों का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि लड़कियों में कुछ समय से लक्षण दिखाई दे रहे थे लेकिन उन्हें परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाने में ''देरी'' की गई। आयोग ने एक बयान में कहा, '' राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई उन खबरों का स्वत संज्ञान लिया है जिसमें उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सरकार द्वारा संचालित एक बाल आश्रयगृह में 57 नाबालिग लड़कियों के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बारे में बताया गया है।''

NHRC लोगो (प्रतीकात्मक तस्वीर)
NHRC लोगो (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आयोग ने पाया, ''यदि मीडिया रिपोर्ट में आए तथ्य सत्य हैं तो प्रथम दृष्टया यह विश्वास करने लायक है कि जनसेवक पीड़ित लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहे हैं और साफ तौर पर राज्य के संरक्षण में उनके जीवन, स्वतंत्रता और सम्मान के अधिकार की रक्षा में लापरवाही बरती गई।'' उन्होंने कहा कि इसके मुताबिक, उसने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर लड़कियों की स्वास्थ्य स्थिति, चिकित्सा उपचार और परामर्श को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। बयान के मुताबिक, इस मामले में दर्ज प्राथमिकी और अब तक की गई जांच को लेकर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को रिपोर्ट सौंपने के लिए भी नोटिस जारी किया गया है। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

कानपुर प्रशासन ने कहा- शेल्टर होम लाए जाने के समय ही लड़कियां थीं गर्भवती 

कानुपर जिला प्रशासन ने रविवार (21 जून) को सफाई दी थी कि शेल्टर होम में लाए जाने के समय ही लड़कियां गर्भवती थीं। जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने रविवार को बताया था कि गर्भवती पाई गईं पांच लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित भी पाई गई हैं। इन लड़कियों को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा कानपुर रेफर किया गया था। उन्होंने बताया कि गर्भवती दो अन्य लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाई गई हैं। ये सभी लड़कियां जब कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में लाई गई थीं उस समय भी गर्भवती थीं। 

ब्रह्मदेव राम तिवारी तिवारी ने बताया कि संक्रमित पाई गई दो लड़कियों का इलाज लाला लाजपत राय अस्पताल में किया जा रहा है, जबकि बाकी तीन का उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

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