कानपुर एनकाउंटरः चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर गिरी गाज
By भाषा | Published: July 8, 2020 05:34 AM2020-07-08T05:34:12+5:302020-07-08T05:38:49+5:30
कानपुर एनकाउंटः गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के निरीक्षक विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे।
कानपुरःकानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने मैं तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार रात लाइन हाजिर कर दिया गया। इसके अलावा सरकार ने आरोपों से घिरे कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी स्थानांतरित कर दिया गया है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि बिकरू कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी।
उन्होंने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के निरीक्षक विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में यह पाया गया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की हिमायत कर रहे थे।
प्रवक्ता ने बताया कि थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इससे पूर्व, राज्य सरकार ने दुबे से संबंधों के आरोपों का सामना कर रहे कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को मंगलवार रात स्थानांतरित कर दिया।
अनंत देव को पीएसी मुरादाबाद स्थानांतरित
राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक देव को पीएसी मुरादाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया है। वह उस वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे, जब बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी संबंध का आरोप लगाते हुए एक कथित पत्र लिखा था।
अनंत देव ने दिया था ये जवाब
हालांकि पुलिस ने कहा था कि इस पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। अनंत देव ने कहा था कि बिकरु कांड में मारे गए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा द्वारा कथित 14 मार्च को लिखे गए पत्र में किए गए हस्ताक्षर मिश्रा के दस्तखत से मेल नहीं खाते। साथ ही उसमें ना कोई तारीख है और ना ही कोई सीरियल नंबर। गौरतलब है कि दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात को गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बिकरू गांव में दुबे के गुर्गों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।