सात महीनों से तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन जारी, धरने के बीच किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 16, 2021 05:05 PM2021-06-16T17:05:38+5:302021-06-16T17:07:00+5:30
जींदः हरियाणा में खटकड़ टोल प्लाजा पर 55 वर्षीय किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। धरना स्थल पर किसान सात महीनों से तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं।
किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर वह पिछले 3-4 दिनों से अवसाद में था और अक्सर सरकार के कड़े रुख पर चर्चा करते थे। पिछले कई महीनों से टोल प्लाजा पर किसानों को खाना और चाय परोसने जैसी सेवाएं दे रहा था। वह एक छोटा किसान था और उसके पास दो एकड़ जमीन थी।
बेहोशी की हालत में बिस्तर पर पड़ा पाया
बीकेयू नेता आजाद सिंह ने कहा कि परेशान थे और चल रहे आंदोलन के भविष्य को लेकर चिंतित थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। आजाद सिंह ने बताया कि अन्य किसानों के घर वापस जाने के बाद कल रात वह शेड में अकेले थे। सुबह जब किसानों का एक समूह पहुंचा तो उन्होंने उसे बेहोशी की हालत में बिस्तर पर पड़ा पाया और शेड से जहर की एक बोतल बरामद की।
सूचना मिलने पर उचाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। टोल पर मौजूद किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार तीन नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर रही है, जिसके चलते मृतक सरकार के इस रवैये से आहत था। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से खटकड़ टोल पर किसानों का धरना जारी है।
मृतक पालेराम आंदोलनरत किसानों की सेवा में पिछले छह माह से जुटे हुए थे
मंगलवार रात को गांव खटकड़ निवासी पालेराम (55) ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। घटना का उस समय पता चला जब पालेराम काफी समय तक नहीं उठे। किसान जब मौके पर पहुंचे तो वह मृत पाए गए और उनके पास ही जहरीले पदार्थ की बोतल पड़ी थी। मृतक पालेराम आंदोलनरत किसानों की सेवा में पिछले छह माह से जुटे हुए थे और उनके लिए चाय बनाते थे।
किसानों ने पालेराम द्वारा आत्महत्या करने की सूचना उचाना थाना पुलिस को दी। किसान नेता सतबीर पहलवान ने कहा कि किसान पालेराम इस बात से नाराज थे कि सरकार तीन कृषि कानून रद्द करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसे लेकर वह मानसिक रूप से परेशान भी रहते थे। उन्होंने कहा कि कुछ किसान सोमवार को दिल्ली के धरने में गए थे।
जब उन्होंने वापस आकर सरकार के किसानों के प्रति रवैये के बारे में बताया तो पालेराम और परेशान हो गए। किसान नेता ने आरोप लगाया कि मंगलवार रात को इसी तनाव के चलते उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
उन्होंने कहा कि किसान लगभग सात महीनों से तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे है लेकिन सरकार इन कानूनों को रद्द करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। उचाना थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि किसान पालेराम के परिवार के लोगों को बुलाया गया है। उनके बयान दर्ज करने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
(एजेंसी इनपुट)