JK: अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर 2 दिन में 2 जगह दिखें है पाकिस्तानी ड्रोन, तलाशी अभियान तेज कर बीएसएफ ने बढ़ाई इलाके की सुरक्षा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 14, 2022 02:55 PM2022-05-14T14:55:49+5:302022-05-14T14:59:42+5:30
बता दें कि बीएसएफ, एनएसजी तथा डीआरडीओ के संयुक्त तत्ववधान में एंटी ड्रोन तकनीक विकसित की गई है जिससे इन सीमा पार से आ रहे ड्रोनों को रोकने में मदद मिलेगी।
जम्मू: अमरनाथ यात्रा की शुरूआत होने का दिन जस जस नजदीक आ रहा है पाकिस्तान एक बार फिर सीमांत इलाकों में ड्रोन से हमला करना आरंभ कर दिया है। आपको बता दें कि दो दिनों में दो जगह ड्रोन देखे जाने की खबरों के बाद तलाशी अभियान चलाए गए है, लेकिन फिर भी हाथ में कुछ नहीं आया है। हालांकि कई इलाकों में आतंकी घुसपैठ की अफवाहों के बाद तलाशी अभियान भी छेड़े गए हैं।
इलाके में ड्रोन दिखने के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई
आज भी जम्मू जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन दिखाई दिया है। इसकी सूचना के बाद पूरे इलाके में सर्च अभियान शुरू किया गया है। अरनिया इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों के अलावा अन्य एजेंसियों को लगाया गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इलाके में सभी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बार इलाके में ड्रोन दिखने की घटनाए हो चुकी हैं।
बीएसएफ के जवान ने गोलियां चलाकर ड्रोन को किया नष्ट
कल भी इस इलाके में ड्रोन की गतिविधि देखे जाने के बाद देर रात को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवानों के साथ मिलकर इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया था। हालांकि बीएसएफ का दावा था कि उसने ड्रोन को गिराने के लिए कई चक्र गोलियां दागी थीं। देर रात तक वहा कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर में गड़बड़ी फैलाए जाने के लिए अक्सर ड्रोन से हथियार या मादक पदार्थ सीमा के इस बार भेजे जाते हैं।
इससे निपटने के लिए एंटी ड्रोन तकनीक को किया गया विकसित
पिछले साल 27 जून को जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान से सटी जम्मू कश्मीर की आईबी और एलओसी पर उस पार से ड्रोन हमलों व हथियारों के साथ ही मादक पदार्थों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की पाकिस्तानी साजिशों को नाकाम करने की खातिर अब एंटी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, इसके लिए बीएसएफ, एनएसजी तथा डीआरडीओ के संयुक्त तत्ववधान में एंटी ड्रोन तकनीक विकसित की गई है जिसे परीक्षण के तौर पर जम्मू के 264 किमी लंबे इंटरनेशनल बार्डर तथा 814 किमी लंबी एलओसी पर कई स्थानों पर स्थापित किया जा चुका है।
एनएसजी के कमांडों को किया गया है तैनात
हालांकि जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद इन हमलों को रोकने के लिए एनएसजी के कमांडों तैनात किए गए थे और बाकी स्थानों पर सेना तथा बीएसएफ ने जुगाड़ की तकनीकें अपनाई थीं। इस जुगाड़ में उन्होंने एंटी एयरक्राफ्ट गनों की ही तरह एलएमजी को बायपोड पर जोड़ कर कई ड्रोन हमलों को नाकाम बनाया था।
पर अब बीएसएफ, एनएसजी तथा डीआरडीओ ने जिस तकनीक को विकसित किया है वह लगभग इसराइल की एंटी ड्रोन तकनीक पर ही आधारित है जिसका इसराइल द्वारा सफतलापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है।
सीमा पार से वाया एयर हो रहा भारत में तस्करी
अधिकारियों के बकौल, एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर सुरक्षाबलों की चौकसी व सतर्कता के कारण पाकिस्तान अब कश्मीर में आतंकवाद को जिन्दा रखने के लिए ड्रग्स व हथियारों की आपूर्ति वाया एयर ही कर रहा है जो सुरक्षाबलों के लिए नए खतरे के तौर पर सामने आ रहा है। कई बार वह ऐसा करने में कामयाब भी हो चुका है।