Delhi Mundka Fire: अब तक 27 मृतकों में से 21 महिलाएं, अधिकतर ने महामारी खत्म होने के बाद शुरू की थी नौकरी
By विशाल कुमार | Published: May 15, 2022 07:05 AM2022-05-15T07:05:29+5:302022-05-15T07:10:55+5:30
अब तक हुई 27 मौतों में से 21 महिलाएं थीं। जबकि अब तक पांच महिलाओं सहित केवल आठ पीड़ितों की पहचान की गई है। पुलिस द्वारा तैयार की गई लापता व्यक्तियों की सूची में 29 में से 24 महिलाएं हैं, जिनके मृतकों में होने की आशंका है।
नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के मुंडका में शुक्रवार को चार मंजिला कार्यालय परिसर में आग लगने से मरने वालों में ज्यादातर युवा महिलाएं थीं, जिन्होंने अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए खासकर महामारी के बाद नौकरी की थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हुई 27 मौतों में से 21 महिलाएं थीं। जबकि अब तक पांच महिलाओं सहित केवल आठ पीड़ितों की पहचान की गई है। पुलिस द्वारा तैयार की गई लापता व्यक्तियों की सूची में 29 में से 24 महिलाएं हैं, जिनके मृतकों में होने की आशंका है।
बता दें कि, इमारत में एक कंपनी थी जो सीसीटीवी और वाईफाई राउटर का निर्माण, संयोजन और बिक्री करती थी। उनके परिवारों ने कहा कि ज्यादातर महिलाएं 6,500-7,500 रुपये के मासिक वेतन पर असेंबलिंग यूनिट या सहायकों के रूप में काम करती हैं, लेकिन आत्मनिर्भर होने से खुश रहती हैं।
इनमें 19 साल की पूजा भी थीं, जिन्होंने करीब तीन महीने पहले काम करना शुरू किया था। उनका तीन लोगों का परिवार मुबारकपुर का है और शुक्रवार की सुबह काम पर निकलने के बाद से उनकी मां और बहन को उनका कोई पता नहीं चला। बाद में पड़ोसियों ने उन्हें आग लगने की सूचना दी।
मीरा देवी, जिनकी सबसे बड़ी बेटी 18 वर्षीय निशा लापता है, ने कहा कि उसने स्कूल से स्नातक होने के तुरंत बाद काम करना शुरू कर दिया था। वह अपनी मां, पिता और पांच भाई-बहनों के परिवार की सहायता के लिए 7500 रुपये प्रतिमाह पर नौकरी करती थीं।
निशा के परिवार ने कहा कि आग में उसकी दोस्त यशोदा देवी की मौत हो गई। 30 साल की यशोदा चार साल से ऑफिस में काम कर रही थीं।
कई महिलाएं अकेले रहती थीं और उनके परिवार अब बिहार, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से शवों की पहचान करने के लिए आ रहे हैं।