दिल्ली पुलिस और FBI ने अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, अमेरिका में लोगों से जबरन वसूली करता था गिरोह

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 19, 2023 03:43 PM2023-06-19T15:43:44+5:302023-06-19T15:45:12+5:30

संदिग्धों ने खुद को एक प्रसिद्ध अमेरिकी वकील और एक पूर्व कानून प्रवर्तन अधिकारी के रूप में पेश किया। ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) का एजेंट बनकर संदिग्धों ने पीड़ितों को ड्रग तस्करी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के फर्जी मामलों में गिरफ्तारी की धमकी देकर फंसाया।

Delhi Police and FBI bust international syndicate gang used to extort money from people in America | दिल्ली पुलिस और FBI ने अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, अमेरिका में लोगों से जबरन वसूली करता था गिरोह

दिल्ली पुलिस ऑपरेशन में चार संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है

Highlightsदिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबीFBI के साथ चलाए गए ऑपरेशन में अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ कियाअमेरिकी लोगों से ठगी करता था गिरोह

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अमेरिकी आंतरिक खुफिया एजेंसी  एफबीआई के साथ मिलकर चलाए गए एक ऑपरेशन में अमेरिकी नागरिकों से पैसे वसूलने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली पुलिस ऑपरेशन में चार संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है।

इस इंटरनेशनल सिंडिकेट के दो और सदस्य अमेरिका और कनाडा में पकड़े गए हैं। इस सिंडिकेट ने पीड़ितों से अब तक करीब 2 करोड़ डॉलर वसूले हैं। कई शिकायतें मिलने के बाद FBI ने लगभग 50 पीड़ितों का साक्षात्कार लिया और दिल्ली पुलिस ने उनमें से दो से वीडियो कॉल पर बात की।  विशेष आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार, "संदिग्धों ने खुद को एक प्रसिद्ध अमेरिकी वकील और एक पूर्व कानून प्रवर्तन अधिकारी के रूप में पेश किया। ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) का एजेंट बनकर संदिग्धों ने पीड़ितों को ड्रग तस्करी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के फर्जी मामलों में गिरफ्तारी की धमकी देकर फंसाया।" 

विशेष सीपी धालीवाल ने कहा, "मुख्य संदिग्ध की पहचान पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी के वत्सल मेहता के रूप में हुई है। उसका सहयोगी अहमदाबाद का पार्थ अरमरकर है।"

धालीवाल की टीम का एफबीआई के साथ यह तीसरा ऑपरेशन है। उन्होंने इससे पहले पश्चिमी दिल्ली से ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि रैकेट दिल्ली और युगांडा से संचालित होता है। मेहता और अरमारकर के अलावा दो अन्य, दीपक अरोड़ा और प्रशांत कुमार अन्य जगहों से गिरोह के लिए काम करते थे। ये लोग पीड़ितों से कहते थे कि उन्हें बाल पोर्नोग्राफी या मादक पदार्थों की तस्करी में फंसाने वाले वीडियो और सबूत मिले हैं। 

पीड़ितों को उनके कंप्यूटर सिस्टम से आपत्तिजनक क्लिप की बरामदगी के झूठे सबूत दिखाए गए और उन पर वैश्विक ड्रग कार्टेल के लिए काम करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद कैद और क़ानूनी बाधाओं के डर से, बहुतों ने भुगतान कर दिया।  

कुछ पीड़ितों ने अमेरिका में अपने संबंधित क्षेत्रों में पुलिस से संपर्क किया। मामला डीईए और एफबीआई के ध्यान में लाया गया था। चूकि  संदिग्ध भारत में रह रहे थे इसलिए  विशेष सेल से संपर्क किया गया। सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल ने भी समन्वय में मदद की। एफबीआई ने संदिग्धों पर तकनीकी साक्ष्य और जानकारी साझा की जिसके बाद उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लुक-आउट नोटिस जारी किए गए। पुलिस ने सबसे पहले अहमदाबाद में अरमारकर को पकड़ा और उसने पुलिस को अन्य लोगों की जानकारी दी।

Web Title: Delhi Police and FBI bust international syndicate gang used to extort money from people in America

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