कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या विधायक राजा भैया के खिलाफ आपराधिक मुकदमे वापस ले लिए...
By भाषा | Updated: July 18, 2020 15:51 IST2020-07-18T15:51:19+5:302020-07-18T15:51:19+5:30
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि क्या पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लिये गये हैं?

याचिका पर अदालत ने प्रदेश सरकार से कहा था कि वह सेनानी को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी उनकी अर्जी का निस्तारण करे।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लिये गये हैं? अदालत ने कहा कि यदि वापस लिये गये हैं तो उसका कारण स्पष्ट करें। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं आता तो वह इस प्रकरण में स्वतः संज्ञान लेगी। अदालत ने यह भी कहा कि जिस अभियुक्त के खिलाफ कई मुदकमे दर्ज हों उसके खिलाफ उदारतावूर्ण रवैया नहीं अपनाया जा सकता है।
मामले की अगली सुनवायी 21 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार की पीठ ने शिव प्रकाश मिश्रा सेनानी की ओर से दायर रिट याचिका पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए दिया। याची का कहना है कि उसने राजा भैया के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था और उसे जान का खतरा है। उसे मिली सुरक्षा की अवधि समाप्त हो रही थी।
गौरतलब है कि याची की ओर से पहले दायर एक याचिका पर अदालत ने प्रदेश सरकार से कहा था कि वह सेनानी को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी उनकी अर्जी का निस्तारण करे। याची के अधिवक्ता एस.एम. रायकवार ने तर्क दिया कि याची के जीवन को खतरा बराबर बना हुआ है किन्तु सरकार उसके सुरक्षा करने की मांग के बावत दिये गये उसके प्रत्यावेदन को निस्तारित नहीं कर रही है।
अधिवक्ता ने यह भी कहा कि एक ओर से सरकार याची के प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने से बच रही है दूसरी ओर उसने राजा भैया के राजनीतिक रसूख के चलते उनके खिलाफ दर्ज कई आपराधिक मामले वापस ले लिये हैं। इस पर पीठ ने स्टैंडिग काउंसिल को निर्देश दिया है कि वह अदालत को बताए कि याची के प्रत्यावेदन पर अब तक निर्णय क्यों नहीं लिया गया है।
पीठ ने कहा कि यदि सरकार का उत्तर संतोषजनक नहीं आता तो वह अदालती अवमानना के तहत स्वतः संज्ञान ले सकती है। अदालत ने कहा कि याची की सुरक्षा अगली तिथि तक वापस नहीं ली जायेगी। राजा भैया प्रतापगढ की कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। वह अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थे लेकिन प्रतापगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक की भीड़ द्वारा हत्या किये जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।