बलरामपुरः जीजा ने सात वर्षीय साली के साथ किया दुष्कर्म, पीड़िता की मां ने थाने में की शिकायत, अरेस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 17, 2022 04:18 PM2022-05-17T16:18:44+5:302022-05-17T16:19:38+5:30
उतरौला कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर पर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बलरामपुरः बलरामपुर जिले में उतरौला कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में जीजा द्वारा कथित तौर पर सात वर्षीय अपनी साली के साथ दुष्कर्म किये जाने का मामला सामने आया है।
उतरौला कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर पर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार आरोपी युवक अपनी ससुराल आया था और अपनी पत्नी के साथ एक कमरे में था।
इसी बीच उसकी सात वर्षीय साली अपनी बड़ी बहन को बुलाने आ गयी। आरोप के अनुसार पत्नी के कमरे से जाते ही मासूम को अकेला पाकर जीजा ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर दिया। बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई में जुटी है।
दलित महिला के दुष्कर्म-हत्या मामले में आरोपी 12 साल तक जेल में रहने के बाद दोष मुक्त
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की एक विशेष अदालत ने एक दलित महिला के कथित दुष्कर्म एवं हत्या मामले में 12 साल से जेल में बंद आरोपी को सोमवार शाम दोष मुक्त कर दिया। मुख्य कानूनी अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 28 जुलाई 2010 की सुबह बबेरू कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में अनुसूचित जाति की एक महिला का शव खेत से बरामद हुआ था, जिसके मृतका के पति चंद्र किशोर ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के बाद पत्नी की हत्या करने का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
कुशवाहा के मुताबिक, पुलिस ने जांच के दौरान बदौसा थाना क्षेत्र के पौहार गांव निवासी मुलायम सिंह यादव नामक व्यक्ति को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। उन्होंने बताया कि यादव पिछले 12 वर्षों से जेल में बंद है, क्योंकि जेल में उससे न तो कोई कभी मुलाकात करने पहुंचा, न ही किसी ने कभी जमानत के लिए उसकी पैरवी की।
कुशवाहा के अनुसार, “मुख्य कानूनी अधिवक्ता होने के नाते मैंने यादव की पैरवी की और अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने सोमवार शाम सुनाए गए फैसले में आरोपी को दोष मुक्त कर दिया।”
उन्होंने कहा, “यादव को अदालत ने निर्दोष करार दिया है। पुलिस ने उसे गलत तरीके से फंसाया था।” कुशवाहा ने आरोप लगाया, “यादव के मानवाधिकारों का हनन हुआ हुआ है। उसे इंसाफ दिलाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की जाएगी।”