पीरियड्स का सबूत मांगने के लिए गुजरात कॉलेज की 68 छात्राओं के उतरवाए गए अंडरगारमेंट्स, लड़कियों ने सुनाई आपबीती, प्रिंसिपल समेत 4 पर FIR

By स्वाति सिंह | Published: February 15, 2020 10:15 AM2020-02-15T10:15:18+5:302020-02-15T10:21:10+5:30

कॉलेज के छात्रावास में रहने वाली स्नातक की 68 छात्राओं की कॉलेज से रेस्टरूम तक परेड कराई गई थी और हर छात्रा को अपने अंडरवियर उतारने के लिए मजबूर किया गया था ताकि यह साबित हो सके उन्हें पीरियड्स नहीं आई है।

68 Gujarat college Girls forced to remove underwear, prove they weren't on period, FIR on principal including 4 | पीरियड्स का सबूत मांगने के लिए गुजरात कॉलेज की 68 छात्राओं के उतरवाए गए अंडरगारमेंट्स, लड़कियों ने सुनाई आपबीती, प्रिंसिपल समेत 4 पर FIR

छात्राओं ने कहा कि पीरियड्स के दौरान इन नियमों का पालन करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।

Highlightsगुजरात में लड़कियों के कपड़े उतरवाए जाने के मामले पर बवाल मचा हुआ है।इस पर कार्रवाई करते हुए 4 लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

गुजरात में लड़कियों के कपड़े उतरवाए जाने के मामले पर बवाल मचा हुआ है। इस पर कार्रवाई करते हुए 4 लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। भुज में हुई इस घटना को लेकर कॉलेज के प्रिंसिपल, हॉस्टल वार्डन के अलावा हॉस्टल की 2 महिला असिस्टेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कच्छ के सुपरिडेंट सौरभ टोलुम्बिया ने बताया कि हमारी महिला थाने की एक टीम और एक महिला काउंसलर वहां गए। काउंसलिंग के बाद एक छात्र ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें पीरियड्स नहीं होने के सबूत के तौर पर न केवल छात्राओं को अपने अंडरवियर उतारने को कहा गया बल्कि उनसे एक माफीनामा भी लिखवाया गया। जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी सेक्शन 354-A (यौन उत्पीड़न), 384 (जबरन वसूली), 506 (2) (आपराधिक धमकी) मामला दर्ज किया है। 

बता दें कि कॉलेज के छात्रावास में रहने वाली स्नातक की 68 छात्राओं की कॉलेज से रेस्टरूम तक परेड कराई गई थी और हर छात्रा को अपने अंडरवियर उतारने के लिए मजबूर किया गया था ताकि यह साबित हो सके उन्हें पीरियड्स नहीं आई है। एनसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार आयोग ने इस 'शर्मनाक कार्य' के लिए सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट कॉलेज के न्यासी प्रवीण पिंडोरा और प्रधानाध्यापक रीता रानीगा से जवाब मांगा है।

एनसीडब्ल्यू ने एक जांच दल का गठन किया है जो संस्थान की छात्राओं से मिलेगी और घटना के बारे में पूछताछ करेगी। बयान के अनुसार, 'एनसीडब्ल्यू ने कच्छ विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति दर्शना ढोलकिया और गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा (आईपीएस) से भी मामले में विस्तृत जांच करने और उनकी कार्य रिपोर्ट पर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

कॉलेज प्रशासन कार्रवाई सही ठहराया 

वहीं, कॉलेज प्रशासन ने इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि यहां पीरियड्स के दौरान छात्राओं के लिए अपने कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। मालूम हो कि कुछ हफ्ते पहले लड़कियों को कथित तौर पर छात्रावास द्वारा बनाए गए रजिस्टर में उनके मासिक धर्म चक्र के विवरण दर्ज करने के लिए कहा गया था।

गुजरात कॉलेज की छात्राओं ने सुनाई आपबीती

वहीं, इनमें से एक छात्रा ने बताया, "11 फ़रवरी को सारे होस्टल और कैम्पस के सामने हमें एक-एक कर बाथरूम ले जाया गया और देखा गया कि हमें पीरियड्स तो नहीं हो रहा। उन्होंने हमें हाथ नहीं लगाया मगर उनकी बातों से हमें इतना डर गए कि हमने अपने कपड़े उतारकर उन्हें जाँच करने दिया।"

यही नहीं, छात्राओं ने कहा, 'हॉस्टल में उनका एक रजिस्टर है, जिसमें हर लड़की को अपना पीरियड शुरू होने के बाद हर बार अपना नाम लिखना होगा। फिर इस लड़की को अपने छात्रावास के कमरे को छोड़ने और छात्रावास की इमारत के तहखाने में एक कम रोशनी वाले कमरे में अलग-थलग रहने के लिए कहा जाता है, जिसमें दूसरों से कोई संपर्क नहीं है। उसे अपने कमरे या डाइनिंग हॉल में जाने या संस्था में प्रार्थनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं है, जब तक कि उसकी अवधि समाप्त न हो। अगर उसे अपने कमरे से कुछ चाहिए तो वह अपने रूममेट को अलग-थलग कमरे के दरवाजे पर छोड़ने के लिए कह सकती है। इसके साथ ही उन्हें अलग बर्तन में खाना दिया जाता है और उसे डाइनिंग हॉल की लॉबी में बैठकर खाना खाने की मनाही है। 

छात्राओं ने कहा कि पीरियड्स के दौरान इन नियमों का पालन करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था। कॉलेज की एक अन्य छात्रा ने कहा, 'समय-समय पर हमें अपमानित किया जाता है और मौखिक रूप से पीरियड्स के दौरान सभी नियमों का पालन नहीं करने के लिए कहा जाता है, लेकिन इससे पहले हमे ऐसे कभी चेक नहीं किया गया। लेकिन इस बार वे एक कदम और आगे बढ़े और हमें इस शर्मिंदगी से गुजरना पड़ा। जब हम में से एक ने इसका विरोध किया तो हमें धमकी दी गई और कॉलेज से ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने के लिए कहा गया।'

वहीं, जांच की गई लड़कियों में से एक के माता-पिता ने कहा कि वे संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि लड़कियां हॉस्टल में रहती हैं। उन्हें मोबाइल फोन रखने की भी अनुमति नहीं है। इसलिए बहुत से माता-पिता अभी तक इस घटना के बारे में नहीं जानते हैं। हम हर किसी को इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही एक शिकायत दर्ज करेंगे क्योंकि हम नहीं चाहते कि यह इस तरह से चले। हालांकि, माता-पिता ने कहा कि संस्था वर्तमान में एक महत्वपूर्ण आंतरिक परीक्षा आयोजित कर रही है, जो शिकायत दर्ज होने पर बाधित हो जाएगी।

Web Title: 68 Gujarat college Girls forced to remove underwear, prove they weren't on period, FIR on principal including 4

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