नई दिल्ली, 03 जुलाई: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को रविवार को आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में शामिल करते हुए एक बड़ा सम्मान दिया। द्रविड़ ये उपलब्धि हासिल करने वाले पांचवें भारतीय बने। उनसे पहले कपिल देव, सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी और अनिल कुंबले को ये सम्मान मिल चुका है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में शुमार सचिन तेंदुलकर को ये सम्मान अब तक क्यों नहीं दिया गया है।
सचिन को क्यों नहीं मिली है अब तक हॉल ऑफ फेम में जगह?
फैंस के लिए सचिन का नाम इस लिस्ट में न होना निश्चित तौर पर हैरानी भरा है। लेकिन इसकी वजह है आईसीसी का वह नियम जिसके मुताबिक हॉल ऑफ फेम में वहीं खिलाड़ी शामिल हो सकता है जिसने कम से कम पिछले पांच सालों से इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेला हो। सचिन ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में खेला था और इसलिए वहअ भी हॉल ऑफ फेम का हिस्सा नहीं हैं।
वहीं हॉल ऑफ फेम में शामिल किए गए राहुल द्रविड़ ने 1996 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद से भारत के लिए 164 टेस्ट और 344 वनडे खेले। उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में ही 10 हजार से ज्यादा रन बनाए। द्रविड़ ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच जनवरी 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
'द वॉल' के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ को क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन और मेहनती बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। उनके नाम भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक गेंदें (31258) खेलने का रिकॉर्ड है। राहुल द्रविड़ ने 2007 के वर्ल्ड कप के अलावा 25 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की।
आईसीसी ने द्रविड़ के अलावा पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग और इंग्लैंड की पूर्व विकटकीपर क्लेयर टेलर को भी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है।