नई दिल्ली, 14 अगस्त:सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण को क्रिकेट अडवायजरी कमिटी (सीएसी) से बाहर किए जाने की संभावना है। ये तीनों खिलाड़ी हितों के टकराव की वजह से अपने पद पर नहीं बने रह पाएंगे। इन तीनों की जगह सीएसी में नए सदस्यों को को जगह दी जाएगाी।
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक सीएसी में शामिल सौरव गांगुली वर्तमान में क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के अध्यक्ष हैं, साथ ही वह मीडिया के साथ अपने करार के तहत कॉमेंटेंटर से लेकर क्रिकेट विशेषज्ञ की भूमिका तक निभाते हैं।
वहीं वीवीएस लक्ष्मण के भी मीडिया के साथ करार हैं और साथ ही वह आईपीएल फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर भी हैं। वहीं सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य हैं। नियम के मुताबिक कोई कोच या चयनकर्ता तब पद पर नहीं बना रह सकता अगर उसका कोई रिश्तेदार टीम में जगह बनाने की रेस में शामिल हो।
2015 में नरेंद्र हिरवानी को मध्य प्रदेश चयन समिति छोड़नी पड़ी थी क्योंकि उनका बेटा मध्य प्रदेश का प्रथम श्रेणी क्रिकेटर है। इसलिए जब तक अर्जुन बीसीसीआई की टीमों के लिए खेलने के दावेदार सचिन इस पद पर काम नहीं कर पाएंगे।
बीसीसीआई नए सदस्यों की नियुक्ति से पहले इन तीनों से हितों के टकराव से बचने और सैलरी लेकर सीएसी में काम करने की भी पेशकश करेगी। लेकिन इन तीनों के इसे स्वीकार करने की संभावनाएं कम ही हैं।
लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, सीएसी में इन तीन दिग्गजों की जगह अब नए सदस्यों को शामिल किया जाएगा। वर्तमान में तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण सीएसी के पद पर अवैतनिक काम करते हैं। पिछले साल जब ये खबर आई थी की सीएसी ने पारिश्रमिक की मांग की है तो बीसीसीआई ने इन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया था। हालांकि अब बीसीसीआई सीएसी के सदस्यों को भी वेतन देगी।
वर्तमान में सीएसी का काम भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मुख्य कोच नियुक्त करना है। 2016 में इस कमिटी ने ही कोच के तौर पर अनिल कुंबले और 2017 में रवि शास्त्री के नाम का चयन किया था। लेकिन हाल में महिला क्रिकेट टीम के कोच चयन की प्रक्रिया में इन तीनों से सलाह नहीं ली गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के नए दिशानिर्देशों के बाद सीओए चयन समिति के सदस्यों की नियुक्ति में भी सीएसी का सलाह लेगी और इस बात पर भी फैसला लेगी की वर्तमान चयन समिति में शामिल एमएस के प्रसाद, देवांग गांधी और शरणदीप सिंह को दोबारा मौका दें या नहीं।