लंदन: ट्रेविस हेड के तेज तर्रार शतक से भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण धारहीन दिखायी दिया जिससे आस्ट्रेलिया ने बुधवार को यहां विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के पहले दिन स्टंप तक तीन विकेट पर 327 रन बनाकर शानदार शुरुआत की। रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में नहीं चुनने का फैसला फिर भारी पड़ा क्योंकि न तो उमेश यादव और न ही शार्दुल ठाकुर दमदार दिखे जिससे भारतीय गेंदबाजी आक्रमण दूसरे और तीसरे सत्र में पूरी तरह बेदम दिखा।
तेज गेंदबाज चुनने का नहीं हुआ टीम इंडिया को फायदा!
भारत ने अश्विन की जगह एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज को चुना जिससे भी टीम को कोई मदद नहीं मिली क्योंकि हेड (146 रन बनाकर खेल रहे) और स्मिथ (95 रन बनाकर खेल रहे) ने चौथे विकेट लिये 370 गेंद में 251 रन की नाबाद साझेदारी से आस्ट्रेलिया को तीन विकेट पर 73 रन के स्कोर से उबारने में मदद की।
मार्नस लाबुशेन (26 रन) का विकेट 25वें ओवर में गिरा था जिसके बाद स्मिथ और हेड ने दोपहर और शाम के सत्र में बल्लेबाजी के मुफीद पिच का फायदा उठाया। अभी तक 44 चौके और एक छक्का लग चुका है जिससे भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का लचर प्रदर्शन साफ दिखता है।
हेड का यह विदेशी सरजमीं पर पहला और कुल छठा शतक है। भारतीय गेंदबाजों में मोहम्मद सिराज को दूसरे दिन काफी काम करना होगा। सिराज ने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर की तरह उनमें निरंतरता की कमी दिखी। मैच के बचे हुए दिनों में अश्विन को अंतिम एकादश से बाहर रखने को लेकर बहस जारी रहेगी। पर पहले दिन गेंद इतनी टर्न नहीं ले रही थी जिससे रविंद्र जडेजा को ज्यादा फायदा नहीं हुआ जिन्होंने 14 ओवर फेंके लेकिन विकेट नहीं झटक सके।
लाबुशेन के आउट होने के बाद ट्रेविस हेड ने ऑस्ट्रेलिया को संभाला
हेड ने अपने 36 टेस्ट के करियर में चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए भारतीय तेज गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामकता बरती जबकि इससे पहले आस्ट्रेलियाई टीम लंच के बाद लाबुशेन के आउट होने से दबाव में आ गयी थी। फुल लेंथ गेंद से उन्हें जरा भी परेशानी नहीं हुई।
मोहम्मद शमी हालांकि सुबह के सत्र में अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी नहीं कर सके थे लेकिन उन्होंने लंच के बाद पहली खूबसूरत गेंद पर लाबुशेन के ऑफ स्टंप उखाड़ दिये। फिर हेड क्रीज पर स्मिथ का साथ निभाने पहुंचे और उन्होंने शमी और मोहम्मद सिराज के खिलाफ चौके जड़कर दबाव भारत पर कर दिया।
हेड ने ठाकुर पर डीप प्वाइंट में चौका जड़कर अपने 50 रन पूरे किये। पर अपनी पारी के दूसरे हाफ में वह काफी आक्रामक दिखे जिसमें उन्होंने शमी पर थर्ड मैन पर एक छक्का जड़ा। दूसरे छोर पर संयमित बल्लेबाजी कर रहे स्मिथ् का ‘द ओवल’ पर औसत 100 के करीब है और वह इस स्टेडियम में अपने इस शानदार रिकॉर्ड को बेहतर करने की ओर बढ़ रहे हैं। आस्ट्रेलिया के इस बल्लेबाज ने तेज गेंदबाजों के खिलाफ कुछ बेहतरीन शॉट खेले और जडेजा की बायें हाथ की स्पिन के खिलाफ अपने पैर का बखूबी इस्तेमाल किया।
नयी गेंद से भी असर नहीं डाल सके भारतीय तेज गेंदबाज
भारत ने 80वें ओवर में नयी गेंद ली लेकिन शमी और सिराज कोई विकेट नहीं झटक सके। आस्ट्रेलिया ने दूसरे सत्र में 28 ओवर में 97 रन जुटाये। इससे पहले सिराज ने शुरुआती स्पैल में विकेट झटक लिया और ठाकुर ने क्रीज पर जमे डेविड वॉर्नर को आउट किया जिससे आस्ट्रेलिया लंच तक 73 रन पर दो विकेट गंवा दिये। ‘द ओवल’ पर पहले घंटे चुनौतीपूर्ण हालात से निपटने के बाद वॉर्नर (60 गेंद में 43 रन) और लाबुशेन पहले सत्र को खत्म करते हुए दिख रहे थे। लेकिन ठाकुर ने बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज को पसली तक निशाना बनाती अपनी शार्ट गेंद से आउट कर दिया।
विकेटकीपर केएस भरत ने लेग साइड पर अच्छा कैच लपका। भारत ने उम्मीद के अनुरूप घसियाली पिच और बादलों भरे मौसम में टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया। सिराज और शमी ने पहले घंटे आस्ट्रेलिया पर लगाम कसे रखी जिन्होंने छह छह ओवर में मिलकर केवल 29 रन दिये। सिराज को शमी की तुलना में पिच से ज्यादा मदद मिली। उस्मान ख्वाजा (10 गेंद में शून्य) का इंग्लैंड में रिकॉर्ड सामान्य है, उन्होंने दौरे की निराशाजनक शुरुआत की और सिराज की स्टंप के बाहर जाती गेंद पर बल्ला छुआकर स्टंप के पीछे कैच देकर पवेलियन लौट गये।
आगामी एशेज के लिए अंतिम एकादश में अपना स्थान पक्का करने की कोशिश में जुटे वॉर्नर ने खराब गेंदों का फायदा उठाया। वॉर्नर ने 15वें ओवर में उमेश यादव पर चार चौके जड़े। लाबुशेन को शुरुआत में काफी मुश्किल हुई और सिराज की तेज गेंद उनके बायें अंगूठे में लग गयी। फिर वह सत्र के अंत में ठाकुर की गेंदबाजी में पगबाधा के दो करीबी डीआरएस फैसलों में बचे।
आस्ट्रेलियाई टीम सत्र में और विकेट नहीं गंवाना चाहती थी लेकिन वॉर्नर ठाकुर की बाहर की ओर कोण लेती गेंद को पुल करने की कोशिश में विकेटकीपर को कैच दे बैठे। भरत ने डाइव करते हुए यह कैच लपका।