जयपुर, 12 अप्रैल: चेन्नई सुपर किंग्स के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने स्वीकार किया कि नो बॉल को लेकर अंपायर से उलझने के लिये महेंद्र सिंह धोनी से सवाल पूछे जायेंगे लेकिन कप्तान का बचाव करते हुए कहा कि वह बस स्पष्टीकरण मांग रहे थे। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ गुरुवार की रात आईपीएल मैच में नो बॉल पर एक फैसले को लेकर धोनी डग आउट से निकलकर अंपायर उल्हास गांधे से बहस करने लगे।
फ्लेमिंग ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'वह उस फैसले से नाराज थे कि नो बॉल देकर उसे वापस क्यो लिया गया। वह स्पष्टीकरण चाहते थे। आम तौर पर वह ऐसा नहीं करते हैं और मुझे पता है कि आने वाले समय में उनसे यह सवाल बार-बार पूछा जायेगा।'
फ्लेमिंग ने किया धोनी का इस अंदाज में बचाव
धोनी पर उस घटना के लिये मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया। फ्लेमिंग ने कहा, 'कुछ गलतफहमी हो गई थी। हमें लगा कि गेंदबाज के छोर पर अंपायर ने नो बॉल कहा है। यह गलतफहमी बनी रही कि नो बॉल थी या नहीं।'
उन्होंने कहा, 'एमएस स्पष्टीकरण चाहते थे जो मिल नहीं रहा था। इसलिये वह जाकर अंपायर से बात करने लगा। मैं नहीं कह सकता कि यह सही था या नहीं। लेकिन फैसले को लेकर गलतफहमी भी सही नहीं थी।'
आखिरी गेंद तक चले इस मुकाबले में मिशेल सैंटनर द्वारा आखिरी गेंद पर लगाए गए छक्के की मदद से चेन्नई सुपरकिंग्स ने राजस्थान रॉयल्स को 4 विकेट से हराते हुए इस सीजन में सात मैचों में अपनी छठी जीत हासिल करते हुए पॉइंट्स टेबल में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली।
एमएस धोनी राजस्थान के खिलाफ अपनी टीम को आखिरी ओवर में कमर से ऊपर से ऊंचाई की एक गेंद को स्ट्राइकर पर मौजूद अंपायर द्वारा नो बॉल देने और फिर लेग साइड के अंपायर द्वारा नो बॉल खारिज किए जाने से नाराज थे और वह काफी गुस्से में बाउंड्री लाइन क्रॉस करते हुए अंपायरों से इस फैसले पर नाराजगी जताने पहुंचे थे।
उन्होंने दोनों अंपायरों से गेंद को नो बॉल न दिए जाने को लेकर जोरदार बहस की। हालांकि धोनी को डग आउट में वापस लौटना पड़ा और अंपायरों ने इस गेंद को वैध मानते हुए इसे नो बॉल करार नहीं दिया।