West Indies vs Zimbabwe, 1st Test: बुलावायो स्पोर्ट्स क्लब पर जिम्बाब्वे के खिलाफ दोहरा शतक जड़कर वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज तेगनारायण चंद्रपॉल ने अपने तीसरे टेस्ट मैच में इतिहास रच दिया। चंद्रपॉल ने टेस्ट मैच में नाबाद 207 रन की पारी खेली। इस दौरान 16 चौके और 3 छक्के लगाए।
शतक जड़कर वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज तेगनारायण ने अपने पिता शिवनारायण चंद्रपॉल की उपलब्धि में अपना नाम दर्ज कराया। शिवनारायण ने वेस्टइंडीज के लिए कई मैच विनिंग टेस्ट पारियां खेली हैं और उन्हें वेस्टइंडीज टेस्ट इतिहास के बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटरों में से एक माना जाता है।
तेगनारायण के पिता ने भी डबल शतक जड़े हैं। इसी के साथ ही टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दूसरी पिता और पुत्र की जोड़ी है, जिन्होंने दोहरा शतक बनाई। पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद और शोएब मोहम्मद ने भी टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाई थी।
शिवनारायण चंद्रपॉल ने वेस्टइंडीज के लिए 164 टेस्ट मैच खेले हैं और 11867 रन बनाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर 203 रन था जो उन्होंने 2005 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। शिवनारायण को उनके अजीब बल्लेबाजी रुख के लिए भी जाना जाता था जिसने उन्हें अपार सफलता दिलाई।
आइए नजर डालते हैं भारतीय पिता-पुत्र की जोड़ी पर जो एलीट लिस्ट में शामिल हैं:
1. लाला अमरनाथ और मोहिंदर अमरनाथ: लाला अमरनाथ और मोहिंदर अमरनाथ की भारतीय पिता पुत्र-जोड़ी क्रिकेट में सबसे शानदार पिता-पुत्र में से एक है। लाला अमरनाथ और मोहिंदर अमरनाथ दोनों ने अपने टेस्ट करियर में शतक बनाए हैं। एक तरफ लाला अमरनाथ शुरुआती भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा थे और दूसरी तरफ मोहिंदर अमरनाथ 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे।
2. विजय मांजरेकर और संजय मांजरेकर: विजय मांजरेकर और संजय मांजरेकर टेस्ट शतक लगाने वाले एक और भारतीय पिता-पुत्र हैं। विजय मांजरेकर ने विजय हजारे और वीनू मांकड़ जैसे दिग्गजों के साथ खेला है और वह बेहतरीन भारतीय बल्लेबाजों में से एक थे। दूसरी ओर संजय बल्लेबाजी में भी अच्छे थे और पाकिस्तान के खिलाफ करियर का सर्वश्रेष्ठ 219 रन बनाने में सफल रहे।
3. मंसूर अली खान पटौदी और इफ्तिखार अली खान पटौदी: इफ्तिखार अली खान पटौदी 1932 की बॉडीलाइन एशेज में इंग्लैंड के लिए खेले और शतक लगाने में सफल रहे। इफ्तिखार ने बाद में भारत की कप्तानी की लेकिन कोई भी शतक नहीं लगा पाए। इफ्तिखार के बेटे मंसूर अली खान पटौदी ने भारत के लिए छह शतक लगाए और भारत के सबसे कम उम्र के टेस्ट कप्तान भी थे।