Vaibhav Suryavanshi IPL 2025: 'सर' शार्दुल ठाकुर की पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर दुनिया को चौंकाया?, पिता ने सपना पूरा करने के लिए बेची जमीन, जानें कौन हैं वैभव सूर्यवंशी

Vaibhav Suryavanshi IPL 2025: किशोरावस्था में है तो प्रशंसक राजस्थान रॉयल्स के 1.10 करोड़ रुपये के खिलाड़ी के बारे में अधिक जानना चाहेंगे।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 20, 2025 18:33 IST2025-04-20T18:32:24+5:302025-04-20T18:33:13+5:30

Vaibhav Suryavanshi IPL 2025 live playing 600 balls every day playing 150 km throwdowns in 10 years surprised world hitting 6 first ball Shardul Thakur | Vaibhav Suryavanshi IPL 2025: 'सर' शार्दुल ठाकुर की पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर दुनिया को चौंकाया?, पिता ने सपना पूरा करने के लिए बेची जमीन, जानें कौन हैं वैभव सूर्यवंशी

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Highlightsबिहार क्रिकेट संघ ने वैभव का समर्थन किया और उसे रणजी ट्रॉफी में जगह दिलाई।अंडर-19 राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने उसे ‘कोल्ट टेस्ट क्रिकेट’ में पहुंचाया।थ्रोडाउन का सामना करवाकर इस अनगढ़े हीरे को चमकाने में अपना योगदान दिया।

Vaibhav Suryavanshi IPL 2025: चौदह साल की उम्र में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में शनिवार को पदार्पण करने वाले वैभव सूर्यवंशी ने शार्दुल ठाकुर की पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर दुनिया को चौंका दिया। ऐसी प्रतिभा रातों-रात नहीं बनीं, इस अविश्वसनीय कहानी की नींव तब पड़ी जब उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने अपने बेटे के क्रिकेट सपनों को पूरा करने के लिए अपनी खेती की जमीन बेच दी। इसे आगे बढ़ाते हुए पटना के क्रिकेट कोच मनीष ओझा ने इस विशेष प्रतिभा को पहचाना और सुनिश्चित किया कि 10 साल के वैभव को कम से कम 600 गेंदों का सामना करने का मौका मिले ताकि जब भी मौका मिले, वह बड़ी चुनौती के लिए तैयार रहे। फिर बिहार क्रिकेट संघ ने वैभव का समर्थन किया और उसे रणजी ट्रॉफी में जगह दिलाई।

तिलक नायडू की अध्यक्षता में अंडर-19 राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने उसे ‘कोल्ट टेस्ट क्रिकेट’ में पहुंचाया। और अंत में राजस्थान रॉयल्स के राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा ने आईपीएल की शुरुआत से पहले उसे 150 से अधिक की गति से साइड-आर्म थ्रोडाउन का सामना करवाकर इस अनगढ़े हीरे को चमकाने में अपना योगदान दिया।

जब आम 14 वर्षीय बच्चे प्लेस्टेशन खेलने और ‘होमवर्क’ करने में व्यस्त होते हैं, तब बिहार के समस्तीपुर के इस किशोर ने शार्दुल ठाकुर जैसे कई टेस्ट खेलने वाले अनुभवी खिलाड़ी की गेंद को सवाई मान सिंह स्टेडियम के स्टैंड में पहुंचा दिया जिससे हजारों लोग हैरान रह गए। आईपीएल की दुनिया में 20 गेंद पर 34 रन बनाना आम बात है, लेकिन अगर बल्लेबाज अभी किशोरावस्था में है तो प्रशंसक राजस्थान रॉयल्स के 1.10 करोड़ रुपये के खिलाड़ी के बारे में अधिक जानना चाहेंगे।

ओझा ने अपने शिष्य के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘जब वह आठ साल का था तब उसके पिता संजीव उसे मेरे पास लाए थे। हर बच्चा अलग होता है लेकिन अगर मैं उस उम्र के दूसरे लड़कों को देखता हूं तो उसे जो भी सिखाया जाता तो उसमें कार्यान्वित करने की समझ थी। उसका तरीका, बैक-लिफ्ट, कार्यान्वयन, इरादा, सभी हमेशा तालमेल में रहते थे। ’’

लेकिन 14 वर्षीय खिलाड़ी अपने स्ट्रोक्स में इतनी ताकत कैसे पैदा कर सकता है कि उसने शीर्ष स्तर के आक्रमण का सामना करते हुए एक बार नहीं बल्कि तीन बार गेंद को स्टैंड में भेजा? कोच ने कहा, ‘‘आप लोगों ने उसके शॉट में ताकत देखी। बल्ले की स्विंग और सही टाइमिंग देखी। अगर छक्का मारने के लिए ताकत ही एकमात्र मानदंड होता तो पहलवान क्रिकेट खेलते।

यह पांच साल की ट्रेनिंग है जिसमें हर दिन 600 सौ गेंदें खेली जाती हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अकादमियों में अन्य लड़के शायद एक दिन में 50 गेंदें खेलते हैं। मैंने वैभव के ट्रेनिंग सत्रों के लगभग 40 वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए हैं। आप देखेंगे कि उसका बल्ले का स्विंग युवराज सिंह जैसा है।

वैभव के पिता संजीव को विशेष रूप से मीडिया से बातचीत नहीं करने के लिए कहा गया है क्योंकि युवा खिलाड़ी को अनावश्यक प्रचार से बचाने की आवश्यकता है जो उसे परेशान कर सकता है। हालांकि ओझा उसके पिता और उसके बलिदान की प्रशंसा करना बंद नहीं कर सके।

उन्होंने कहा, ‘‘उसके माता-पिता शानदार हैं। उसके पिता मैच दिखाने के लिए हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर की यात्रा करते थे। मां उसके खान-पान को लेकर बहुत सजग रहती थीं। अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन 600 गेंदें खेलता है तो उसे प्रोटीन के मामले में ज्यादा पोषण की जरूरत होगी। ’’

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