Highlightsसुनील गावस्कर ने गिलक्रिस्ट के आरोपों का दिया जवाबप्रायोजकों के लिए भारतीय खिलाड़ियों को खिलाना चाहती हैं विदेशी लीग- गावस्करभारतीय बोर्ड अपने खिलाड़ियों को तरोताजा रखना चाहता है- गावस्कर
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि कुछ पूर्व विदेशी क्रिकेटर चाहते हैं कि बीसीसीआई भारतीय क्रिकेटरों को उनकी टी20 लीग में खेलने की अनुमति दे ताकी वह अधिक से अधिक प्रायोजकों को आकर्षित कर सकें। गावस्कर की टिप्पणी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट द्वारा विदेशी टी-20 लीग में खेलने के लिए अपने अनुबंधित खिलाड़ियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं देने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के रुख पर सवाल उठाने के कुछ दिनों बाद आई है।
गिलक्रिस्ट ने कहा था कि आईपीएल फ्रेंचाइजियां भारत से बाहर भी अपने पंख फैलाने में दिलचस्पी रखती हैं। । जवाब में गावस्कर ने कहा कि यह 'पुरानी शक्तियों के लिए स्वीकार नहीं है' कि भारत अपने खिलाड़ियों को थकान से बचाना चाहता है और उनके कार्यभार का प्रबंधन करना चाहता है।
स्पोर्टस्टार के लिए अपने कॉलम में गावस्कर ने लिखा है, "कुछ विदेशी पूर्व खिलाड़ियों ने कहा है कि भारतीय खिलाड़ियों को बिग बैश या हंड्रेड खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए। दरअसल वह चाहते हैं कि उनकी लीग को अधिक से अधिक प्रायोजक मिलें। वे अपने क्रिकेट के बारे में चिंतित हैं, जो पूरी तरह से समझ में आता है। लोकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए पूरी तरह तरोताजा रहें। इस वजह से बोर्ड खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता।" गावस्कर ने कहा कि क्रिकेट पर राज कर चुकीं पुरानी ताकतें यह स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। गावस्कर ने अपने कॉलम में इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि कई पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर आईपीएल टीमों में कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं।
गावस्कर ने आगे कहा, "वे केवल भारतीय खिलाड़ियों को उनके देश की लीग के लिए उपलब्ध कराने के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन सहयोगी स्टाफ या अन्य लोगों के बारे में नहीं जो अद्भुत काम कर सकते हैं।" सुनील गावस्कर ने कहा कि आइपीएल की शुरूआत के समय इसके ऑस्ट्रेलियाई लीग कहलाने का खतरा था क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और स्टाफ टीमों की संरचना पर हावी थे।
बता दें कि यह बहस तब शुरू हुई जब आइपीएल फ्रेंचाइजियों ने अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होने वाली विदेशी लीगों में भी टीमें खरीदीं।