Highlightsएक ऐसा व्यक्ति जो सच आपके मुंह पर बोलता है, सबको पसंद नहीं आता: चंद्रकांत पंडितमैं बोर्ड से संजय को हटाए जाने फैसले पर पुनर्विचार करने का निवेदन करता हूं: पंडित
हाल ही में बीसीसीआई के कमेंट्री पैनल से बाहर किए गए संजय मांजरेकर को उनके साथ भारत और मुंबई की टीम में खेल चुके चंद्रकांत पंडित समर्थन मिला है। पंडित ने कहा है कि बीसीसीआई को मांजरेकर को कमेंट्री पैनल से बाहर करने से पहले एक बार चेतावनी देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संजय मांजरेकर किसी को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति नहीं, बस वह स्पष्टवादी व्यक्ति हैं और उनका सीधे लोगों के मुंह पर सीधे बातें बोलने का अंदाज सबको पसंद नहीं आता है।
संजय मांजरेकर के बचाव में उतरे चंद्रकांत पंडित
पूर्व विकेटकीपर और घरेलू क्रिकेट के सबसे कामयाब कोच चंद्रकांत पंडित ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं उन्हें बचपन से जानता हूं और वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो किसी को नुकसान पहुंचाए। वह स्पष्टवादी है, उनकी इस बात की मैंने हमेशा तारीफ की है। एक ऐसा व्यक्ति जो सच आपके मुंह पर बोलता है, सबको पसंद नहीं आता है। एक कमेंटेटर के तौर पर उन्हें कई बार बातें बोलनी पड़ती हैं, जो सबको पसंद नहीं आती हैं। वह केवल अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसी बातें नहीं बोल सकते हैं जो लोगों को खुश रख सके।'
पंडित ने कहा, 'संजय किसी के खिलाफ नहीं हैं। मैं उनको हटाए जाने के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहता हूं, लेकिन मैं बोर्ड से उसके फैसले पर पुनर्विचार करने का निवेदन करता हूं। मैं ये इसलिए कह रहा हूं क्योंकि सभी कमेंटेटर्स खेल के बारे में जो इनपुट देते हैं, वह न केवल युवाओं बल्कि मेरे जैसे कोचों के लिए भी मददगार होता है।'
मुंबई और विदर्भ को रणजी और ईरानी ट्रॉफी के खिताब जिता चुके 58 वर्षीय पंडित ने कहा कि अगर बीसीसीआई को लगा कि मांजरेकर की आलोचना सीमा से पार जा रही है तो वह उन्हें अपना रुख नरम करने को कह सकता था।
उन्होंने कहा, 'कई बार उनकी भाषा कठोर लग सकती है, लेकिन बीसीसीआई उन्हें अपनी भाषा में नरमी लाने को कह सकती थी, लेकिन उन्हें उनके काम से बाहर मत कीजिए।'
मांजरेकर की कमेंट्री स्टाइल का बचाव करते हुए पंडित ने कहा, 'वह ऐसे कमेंटेटर हैं, जो अपने ज्ञान को युवाओं तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्हें हटाने से दूसरे कमेंटेटर्स के लिए अच्छा संदेश नहीं जाएगा। कई लोगों को उनका स्पष्टवादी मत सुनना पसंद है। अगर कोई बल्लेबाज किसी परिस्थिति में खराब शॉट खेलता है, उन्हें ऑन एयर वह बोलना पड़ेगा। इसमें गलत क्या है?'