सचिन की रिटायरमेंट स्पीच से वेस्टइंडीज के खिलाड़ी भी हो गए थे भावुक, एडवर्ड्स ने कहा, 'कोशिश की आंसुओं का सैलाब न आए बाहर'

Sachin Tendulkar: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की रिटायरमेंच स्पीच को सुनकर भारत ही नहीं वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की आंखें भी नम हो गई थीं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 21, 2020 9:25 AM

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ठळक मुद्देसचिन तेंदुलकर ने 24 साल लंबे इंटरनेशनल करियर के बाद नवंबर 2013 में लिया था संन्याससचिन के नाम टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रन और शतकों का रिकॉर्ड दर्ज है

सचिन तेंदुलकर का आखिरी इंटरनेशनल मैच दुनिया भर के क्रिकेट फैंस के लिए एक भावुक क्षण था। सचिन ने नवंबर 2013 में भारत के लिए अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में संन्यास लिया था। भारत उस मैच में वेस्टइंडीज का सामना कर रहा था और उन्होंने अपनी आखिरी पारी में 74 रन बनाए थे। जब वह अपने घरेलू मैदान में बैटिंग के लिए उतरे तो दोनों अंपायरों और वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों से उसे गार्ड ऑफ ऑनर मिला था।

ये सचिन के प्रोफेशनल करियर की आखिरी पारी थी। सचिन को दूसरी पारी में बैटिंग का मौका नहीं मिला क्योंकि भारत ने वेस्टइंडीज को एक पारी और 126 रन से हरा दिया। मोहम्मद शमी ने जैसे ही वेस्टइंडीज का आखिरी विकेट लिया, सचिन के रिटायरमेंट का लम्हा आखिरकार आ ही गया।

सचिन की रिटायरमेंट स्पीच से भावुक हो गए थे वेस्टइंडीज के खिलाड़ी

खेल के अंत में, सचिन ने वानखेड़े के खचाखच भरे स्टेडियम में अपनी प्रसिद्ध रिटायरमेंट स्पीच दी थी और इस मौके ने करोड़ों क्रिकेट फैंस की आंखों में आंसू ला दिया था। 

न केवल फैंस बल्कि सचिन के भाषण के दौरान वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के लिए भी अपने आंसू रोक पाना मुश्किल हो रहा था। विंडीज ऑलराउंडर किर्क एडवर्ड्स ने खुलासा किया है कि जब सचिन क्रिकेट को अलविदा कह रहे थे तो उस समय वह वहां क्रिस गेल के साथ मौजूद थे और दोनों की आंखें भी नम थीं। 

मैं और गेल आंसू रोकने की कोशिश कर रहे थे: किर्क एडवर्ड्स

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एडवर्ड्स ने क्रिकट्रैकर से कहा, 20ववें टेस्ट मैच के लिए मैं वहां था। मेरे लिए लिए भी ये बहुत भावुक करने वाले था, मैं गेल के बगल में खड़ा था।

एडवर्ड्स ने कहा, 'हम दोनों की आंखें नम थीं। हमने अपनी आंखों से सैलाब को बहने से रोकने की कोशिश की। ये बहुत ही छू जाने वाला पल था। ये जानते हुए कि आप इस खिलाड़ी को फिर कभी क्रिकेट मैदान में नहीं देख पाएंगे।'

तेंदुलकर ने अपने शानदार करियर में 51 शतकों और 68 अर्धशतकों की मदद से 200 टेस्ट की 329 पारियों में 53.78 के औसत से 15921 रन बनाए। वहीं वनडे में सचिन ने 463 मैचों में 44.38 के औसत से 49 शतकों और 96 अर्धशतकों की मदद से 18426 रन बनाए थे। 

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