Ravichandran Ashwin Retirement: क्रिकेट जगत को चौंकाते हुए गुडबाए?, कई रिकॉर्ड पर रविचंद्र अश्विन नाम, देखें आंकड़े

Ravichandran Ashwin Retirement: अश्विन ने नवंबर 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। मैच में नौ विकेट लिए और उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 18, 2024 19:47 IST2024-12-18T19:47:14+5:302024-12-18T19:47:54+5:30

Ravichandran Ashwin Retirement shocked cricket world achieved many achievements in his career See statistics | Ravichandran Ashwin Retirement: क्रिकेट जगत को चौंकाते हुए गुडबाए?, कई रिकॉर्ड पर रविचंद्र अश्विन नाम, देखें आंकड़े

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Highlightsअनुभवी ऑफ स्पिनर ने रोहित के आग्रह पर गुलाबी गेंद के टेस्ट के लिए एकादश में वापसी की।पांच विकेट (156 रन देकर पांच विकेट) लेने का कारनामा किया था।मैच में 85 रन देकर 12 विकेट लिए थे।

Ravichandran Ashwin Retirement: रविचंद्र अश्विन ने अपने अंतरराष्ट्रीय संन्यास से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से कहा कि अगर इस समय सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे लिए खेल को अलविदा कहना ही बेहतर होगा। उन्होंने 14 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास का फैसला भी अपने समय पर लिया। ऐसा माना जा रहा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के बाद से ही उनके दिमाग में संन्यास का विचार था। इस श्रृंखला में भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने टीम प्रबंधन को यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के दौरान उन्हें एकादश में जगह नहीं मिलती है तो वह ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे। भारत ने पर्थ में अश्विन पर वाशिंगटन सुंदर को तरजीह दी। अनुभवी ऑफ स्पिनर ने रोहित के आग्रह पर गुलाबी गेंद के टेस्ट के लिए एकादश में वापसी की।

Ravichandran Ashwin Retirement: रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की-

1, अश्विन ने नवंबर 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। मैच में नौ विकेट लिए और उन्हें मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली पारी में ही पांच विकेट (156 रन देकर पांच विकेट) लेने का कारनामा किया था।

2, अश्विन ने अगस्त 2012 में पहली बार टेस्ट मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए इस मैच में 85 रन देकर 12 विकेट लिए थे।

3, अश्विन 2015 में आईसीसी की टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंचे थे।

4, अश्विन 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे। वनडे विश्व कप 2011 में वह शुरुआती चरण में खेले थे लेकिन उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी विशेष कर बारिश से प्रभावित फाइनल में अहम भूमिका निभाई थी।

5, अश्विन 2010 और 2016 में एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे।

6, अश्विन को 2016 में आईसीसी का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर और सर्वश्रेष्ठ पुरुष टेस्ट क्रिकेटर चुना गया था। उन्हें 2011 से 2020 तक आईसीसी की दशक की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम में भी चुना गया था।

7, अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम मैचों में 250, 300 और 500 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

8, अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं। उनसे पहले पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने यह उपलब्धि हासिल की थी। अश्विन फरवरी 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ 98 टेस्ट मैच में इस मुकाम पर पहुंचे थे।

9, अश्विन मार्च 2022 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 100 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे।

10, अश्विन 2010 और 2011 में आईपीएल चैंपियन बनने वाली चेन्नई सुपर किंग्स टीम का हिस्सा थे।

चयनकर्ताओं से कोई बातचीत नहीं, लेकिन न्यूजीलैंड श्रृंखला के बाद अश्विन के संन्यास की उम्मीद थी

रविंद्र जडेजा ब्रिसबेन टेस्ट में खेले और जैसा कि रोहित ने गाबा में ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के बाद कहा, कोई नहीं जानता कि मेलबर्न और सिडनी में होने वाले बाकी दो मैचों के लिए टीम कैसी होगी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘चयन समिति की ओर से कोई संकेत नहीं मिला।

अश्विन भारतीय क्रिकेट में एक दिग्गज हैं और उन्हें अपना फैसला खुद लेने का अधिकार है।’’ अगली टेस्ट श्रृंखला इंग्लैंड में (जून से अगस्त) है जहां शायद भारत दो से अधिक विशेषज्ञ स्पिनरों को साथ नहीं ले जाए जो बल्लेबाज भी हों। भारत की अगली घरेलू टेस्ट श्रृंखला अक्टूबर-नवंबर में है। दस महीने लंबा समय है और एक बार जब यह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र समाप्त हो जाएगा तो नजरें 2027 पर होंगी।

अश्विन तब तक 40 वर्ष के हो चुके होंगे और उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव का दौर पूरा हो चुका होगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला समाप्त होने तक इंतजार नहीं करने के अश्विन के फैसले से यह भी संकेत मिला कि पर्थ में शुरुआती मैच उन पर सुंदर को तरजीह दिए जाने की उनके फैसले में अहम भूमिका रही।

मैदान पर और मैदान के बाहर खेल को पढ़ने में सक्षम अश्विन ने शायद यह अनुमान लगा लिया होगा कि आगे क्या होने वाला है और शायद इससे उनके लिए फैसला लेना आसान हो गया। अश्विन ने भारतीय टीम की जर्सी को बहुत गर्व के साथ पहना। उन्होंने 537 टेस्ट विकेट लिए और 38 साल की उम्र में अश्विन रिजर्व खिलाड़ी की तरह सिर्फ ड्रेसिंग रूम में नहीं बैठना चाहते।

न्यूजीलैंड श्रृंखला में स्पष्ट रूप से इसके संकेत मिले थे जब उन्होंने तीन मैच में नौ विकेट लिए जिसमें से दो मुकाबले पुणे और मुंबई में स्पिन की अनुकूल पिच पर खेले गए। इसकी तुलना में सुंदर ने पुणे में 12 विकेट लिए जबकि अश्विन को पांच विकेट मिले। पर्थ में जब अंतिम एकादश को अंतिम रूप दिया गया था तब रोहित मौजूद नहीं थे और यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह कोच गौतम गंभीर थे जिन्होंने यह तय किया था कि आगे चलकर भारत का नंबर एक ऑफ स्पिनर कौन होगा और वह अश्विन नहीं थे।

टीम से जुड़ने के बाद रोहित को अश्विन को एडीलेड में खेलने के लिए मनाना पड़ा। भारतीय कप्तान ने खुलासा किया, ‘‘जब मैं पर्थ पहुंचा तो हमने इस बारे में बात की और मैंने किसी तरह उसे गुलाबी गेंद के टेस्ट मैच के लिए रुकने के लिए मना लिया और उसके बाद, यह बस हो गया...उसे लगा कि अगर अभी श्रृंखला में मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे लिए खेल को अलविदा कह देना ही बेहतर होगा।’’

रोहित ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि जब उसके जैसा खिलाड़ी, जिसने भारतीय टीम के साथ इतने सारे पल देखे हों और वह हमारे लिए एक बड़ा मैच विजेता रहा हो, तो उसे अपने दम पर ये फैसले लेने की अनुमति दी जाए और अगर यह अभी है, तो ऐसा ही हो।’’ पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि चेन्नई के इस खिलाड़ी को श्रृंखला के बाद तक इस घोषणा को टालना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़े झूठ नहीं बोलते और उसका रिकॉर्ड बहुत शानदार है। मैं चाहता था कि वह अंतिम दो टेस्ट के लिए रुक जाए क्योंकि वह सिडनी में भूमिका निभा सकता था। लेकिन यह एक व्यक्तिगत निर्णय है।’’ हरभजन ने कहा, ‘‘जब नाम अश्विन जितना बड़ा हो तो फैसला खिलाड़ी का होता है।’’

एक विचारधारा यह भी है कि यदि परिस्थितियां अनुमति देती और भारत सिडनी में दो स्पिनरों के साथ उतरता तो जडेजा को वाशिंगटन के साथ मौका मिलता क्योंकि ये दोनों एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में अधिक सक्षम बल्लेबाज माने जाते हैं। 

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