Ranji Trophy Final: शानदार विदाई, कुलकर्णी को तोहफा, आठ साल का इंतजार, 90 में से 48वीं बार फाइनल में थी मुंबई टीम, जानें आंकड़े

Ranji Trophy Final: घरेलू क्रिकेट की दिग्गज मुंबई ने आठ साल का इंतजार खत्म करते हुए अपना ही रिकॉर्ड बेहतर करके 42वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता।

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 14, 2024 5:14 PM

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ठळक मुद्देफाइनल के पांचवें और आखिरी दिन मेजबान ने विदर्भ को 169 रन से हराया।टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी। मुंबई ने 42वां रणजी ट्रॉफी खिताब जीत लिया। 

Ranji Trophy Final: मुंबई घरेलू टीम ने कमाल कर इतिहास रच दिया। 8 साल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। क्रिकेट से संन्यास ले रहे धवल कुलकर्णी को शानदार तोहफा दिया गया। कुलकर्णी ने जीत के बाद कहा कि हर क्रिकेटर का सपना ऐसा होता है। यह मेरा छठा फाइनल और पांचवां खिताब है। मैं इस दिन को कभी नहीं भूलूंगा। मुंबई ने रिकॉर्ड 42वीं बार खिताब जीतकर इतिहास कायम किया। फाइनल में विदर्भ को 169 रनों से हराया। मुंबई ने 42वां रणजी ट्रॉफी खिताब जीत लिया। टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी।

मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली टीम की पुरस्कार राशि दोगुनी कर दी है जिसका मतलब है की टीम को पांच करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि मिलेगी। एमसीए के सचिव अजिंक्य नाइक ने बयान में कहा,‘‘एमसीए के अध्यक्ष अमोल काले और शीर्ष परिषद ने रणजी ट्रॉफी की पुरस्कार राशि दोगुनी करने का फैसला किया है।

एमसीए रणजी ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई की टीम को पांच करोड रुपए की अतिरिक्त धनराशि देगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘एमसीए के लिए यह साल शानदार रहा है और उसने सात खिताब जीते। इसके अलावा हमारी टीम बीसीसीआई के आयु वर्ग की सभी प्रतियोगिताओं के नॉकआउट चरण में पहुंची।’’

वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था। विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर (102) और हर्ष दुबे (65) ने हालांकि पूरे पहले सत्र में मुंबई के गेंदबाजों को परेशान किया। विदर्भ ने पांच विकेट पर 248 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 290 रन और चाहिये थे।

विदर्भ की टीम 368 रन पर आउट हो गई। वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया। वहीं दुबे ने प्रथम श्रेणी कैरियर में दूसरा अर्धशतक जमाया। दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदारी निभाई। दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही वाडकर को तनुष कोटियान ने आउट किया।

कोटियान ने 95 रन देकर चार विकेट लिये। यह साझेदारी टूटने के बाद विदर्भ की हार पर लगभग मुहर लग गई। विदर्भ दो बार खिताब जीतने के बाद तीन बार फाइनल हार गया है। तुषार देशपांडे ने शॉर्ट गेंद पर दुबे को आउट किया । दुबे ने 128 गेंद में पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 65 रन बनाये।

देशपांडे ने ही आदित्य सरवटे को भी पवेलियन भेजा। कोटियान ने यश ठाकुर (छह) के रूप में चौथा विकट लिया । वहीं अपने कैरियर का आखिरी मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी ने उमेश यादव का विकेट लेकर विदर्भ की पारी का पटाक्षेप किया।

अजिंक्य रहाणे के लिए बल्ले से रणजी ट्रॉफी का यह सत्र बेहद ही खराब रहा लेकिन वह गुरुवार को यहां वानखेड़े स्टेडियम में वह ‘सबसे खुश खिलाड़ी’ थे, जिनकी कप्तानी में टीम 42वीं बार इस शीर्ष घरेलू टूर्नामेंट की चैम्पियन बनीं। मुंबई ने विदर्भ को 169 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया। रहाणे ने इस दौरान सत्र में महज 214 रन बनाये।

वह मुंबई के लिए इस सत्र में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की तालिका में नौवें स्थान पर रहे। उन्होंने हालांकि फाइनल की दूसरी पारी में 73 रन बनाने के साथ 130 रन की साझेदारी कर मैच को विदर्भ की पहुंच से दूर कर दिया। रहाणे ने मैच के बाद पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘ मैं अपनी टीम के लिए सबसे कम रन बनाने वाले खिलाड़ियों में से एक हूं, लेकिन आज मैं सबसे ज्यादा खुश हूं।

एक खिलाड़ी के तौर पर आपको अच्छे और बुरे समय का सामना करना पड़ता है। यह ड्रेसिंग रूम में सकारात्मक माहौल बनाने और एक दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाने के बारे में है। यह मेरे लिये विशेष क्षण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले सत्र में हम एक रन से नॉकआउट चरण के लिए क्वालीफाई करने से चूक गये थे। हमें टीम में सही माहौल तैयार करना था।

हम टीम में फिटनेस संस्कृति बनाने में सफल रहे। मैं हर तरह का समर्थन करने के लिए एमसीए का शुक्रिया करना चाहूंगा।’’ रहाणे ने इस दौरान मैच के चौथे और पांचवें दिन शानदार जज्बा दिखाने के लिए विदर्भ की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं विदर्भ के संघर्ष की तारीफ करना चाहूंगा। जीत के लिए 538 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए हार मानना आसान है लेकिन उन्होंने संघर्ष करने का जज्बा दिखाया।

मैन ऑफ द मैच मुशीर खान और मैन ऑफ द टूर्नामेंट तनुश कोटियान अपने कप्तान के मार्गदर्शन के लिए आभारी थे। मुशीर ने कहा, ‘‘मुझे उनके साथ बल्लेबाजी करने में मजा आया। हमारी साझेदारी के दौरान, वह बहुत अच्छी तरह से समझते थे कि मुझ से क्या उम्मीद है।’’  कोटियान ने रहाणे को उनकी वास्तविक बल्लेबाजी क्षमता को उजागर करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे उन्होंने सत्र में 500 से अधिक रन बनाए। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल मुझे अपनी बल्लेबाजी पर थोड़ा अधिक भरोसा हुआ और मैंने अपने पिता के साथ कड़ी मेहनत की।

अज्जू दादा (मुंबई टीम के युवा उन्हें इसी तरह संबोधित करते हैं) ने भी मेरी बहुत मदद की।" रहाणे ने संन्यास लेने वाले तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी की तारीफ करते हुए कहा कि मुंबई क्रिकेट में उनके योगदान को देखते हुए उनके बारे में कुछ भी कहना कम होगा। कुलकर्णी ने मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी के छह फाइनल खेले है और पांच बार इसके विजेता रहे।

कुलकर्णी ने पहले ही इस सत्र के समापन के बाद संन्यास की घोषणा की थी। रहाणे ने कहा, ‘‘ हम अंडर-14 के समय के मुंबई के लिए एक साथ खेल रहे है। हमने साथ में भारत अंडर-19 (न्यूजीलैंड) का दौरा किया। मैं उनकी तारीफ में जो भी कहूं वह कम होगा। उनका योगदान सराहनीय रहा है।’’

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