Highlightsमोहम्मद हफीज ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया।2003 में वनडे मैच से किया था इंटरनेशनल क्रिकेट में पाकिस्तान के लिए डेब्यू।मोहम्मद हफीज ने टेस्ट फॉर्मेट से 2018 में संन्यास की घोषणा कर दी थी।
पाकिस्तान के दिग्गज हरफनमौला क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। इसी के साथ हफीज का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18 साल का सफर अब खत्म हो गा है। वह हालांकि टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलते रहेंगे।
हफीज ने 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच से इंटरनेशनल वनडे डेब्यू किया था। उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच 2021 में नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल रहा। इसमें पाकिस्तान की हार हुई थी।
हफीज ने पहले ही ये घोषणा की थी कि 2020 का टी20 विश्व कप उनका आखिरी बड़ा टूर्नामेंट होगा। हालांकि कोरोना की वजह से वर्ल्ड कप के टल जाने की वजह से उन्होंने अब जाकर संन्यास की घोषणा की।
हफीज ने पाकिस्तान के लिए 55 टेस्ट, 218 एकदिवसीय और 119 T20 मैच खेलते हुए अपने करियर का अंत किया। तीनों फॉर्मेंट में कुल मिलाकर उन्होंने 12780 रन बनाए और 253 विकेट हासिल किए।
हफीज ने संन्यास का ऐलान करते हुए कहा, 'आज मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को गर्व और संतोष के साथ अलविदा कहता हूं। वास्तव में मैंने शुरुआत में जितना सोचा था, उससे कहीं अधिक हासिल किया है और इसके लिए मैं अपने सभी साथी क्रिकेटरों, कप्तानों, सहयोगी स्टाफ और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का आभारी हूं जिन्होंने मेरे करियर के दौरान मेरी मदद की।'
2018 में टेस्ट क्रिकेट से लिया था संन्यास
हफीज ने इससे पहले दिसंबर-2018 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के बाद वे इस फॉर्मेट के लिए अपनी टीम में नहीं चुने गए। उन्होंने अपना आखिरी वनडे लॉर्ड्स में बांग्लादेश के खिलाफ खेला।
हफीज ने पाकिस्तान के लिए 55 टेस्ट में 3652 रन बनाए और 53 विकेट झटके। वहीं, 218 वनडे में उन्होंने 6614 रन बनाते हुए 139 विकेट झटके। पाकिस्तान के लिए हफीज ने 119 टी20 मैचों में 2514 रन बनाए और 61 विकेट हासिल किए।
हफीज ने 29 टी20 मैचों में पाकिस्तान के लिए कप्तानी भी की जिसमें 18 में टीम को जीत मिली और 11 में हार हुई। हफीज ने 2012 के टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान का नेतृत्व किया जिसमें टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी। वहीं 2014 में टी20 वर्ल्ड कप में भी वह कप्तान रहे। हालांकि पाकिस्तान तब ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था।