Highlightsकरुण नायर ने अब तक 89 चौके और 16 छक्का मार चुके हैं। आर. गायकवाड़ के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।पांच पारियों में 220 और चार शतकों के औसत से 660 रन बनाए थे।
Karun Nair: शानदार लय में चल रहे करुण नायर ने विजय हजारे ट्रॉफी राष्ट्रीय एकदिवसीय टूर्नामेंट में कमाल कर दिया। 33 साल के नायर मौजूदा सत्र के 08 मैचों की 07 पारियों 752 रन बना चुके हैं और सिर्फ एक बार आउट हुए है, जिससे उनका औसत भी 752 रन का है। नायर ने लिस्ट ए स्तर पर लगातार चार शतक लगाकर कर्नाटक के पूर्व साथी देवदत्त पडिक्कल, श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज अलविरो पीटरसन की बराबरी की थी। लिस्ट ए में लगातार मैचों में सबसे ज्यादा शतक लगाने का मौजूदा रिकॉर्ड नारायण जगदीसन के नाम पर है, जिन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के 2022-23 सत्र में लगातार पांच शतक लगाए थे। विदर्भ के कप्तान ने अपनी अच्छी फॉर्म बरकरार रखी और सात पारियों में अपना छठा 50+ स्कोर बनाया। 44 गेंदों में 88 रन बनाकर नाबाद रहे।
नायर ने अब तक 89 चौके और 16 छक्का मार चुके हैं। नायर ने अब टूर्नामेंट के एक सीज़न में किसी कप्तान द्वारा सर्वाधिक रन बनाने के गायकवाड़ के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। लिस्ट ए लीग में एक टीम का नेतृत्व करते हुए एक सीज़न में 700 से अधिक रन बनाने वाले एकमात्र कप्तान हैं। गायकवाड़ ने 2022-23 सीज़न के दौरान पांच पारियों में 220 और चार शतकों के औसत से 660 रन बनाए थे।
नायर के नाम पांच शतक हैं और उन्होंने एक सीज़न में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में तमिलनाडु के एन जगदीसन की बराबरी कर ली है। नायर के पास एक सीजन में सबसे ज्यादा रन (83) के जगदीसन के रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका है। यदि विदर्भ फाइनल में पहुंचता है, तो 79 या उससे अधिक का स्कोर दाएं हाथ के बल्लेबाज को इस प्रतिष्ठित सूची में शीर्ष पर पहुंचा देगा।
नायर ने लिस्ट ए क्रिकेट इतिहास में बिना आउट हुए सर्वाधिक रन (542) बनाकर एक आश्चर्यजनक उपलब्धि हासिल की। 2016 से 2017 तक उन्होंने विदर्भ की कप्तानी करते हुए भारत के लिए सात टेस्ट और दो वनडे मैच खेले हैं। नायर, वीरेंद्र सहवाग को बाद वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा किया था।
2022-23 सीज़न तक कर्नाटक के लिए खेलने के बाद, नायर पिछले सीज़न में विदर्भ चले गए। किसी भी प्रारूप में कप्तान के रूप में यह उनका पहला टूर्नामेंट है, जो उनके नेतृत्व कौशल और क्रिकेट क्षमता दोनों को प्रदर्शित करता है।