Highlightsरिद्धिमान साहा की 18 महीने बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी हुई हैरिद्धिमान साहा भारत के लिए आखिरी बार जनवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले थेसाहा को वेस्टइंडीज दौरे पर दो टेस्ट मैचों के लिए टीम में ऋषभ पंत के साथ चुना गया है
रिद्धिमान साहा की लंबे समय बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी हुई है। साहा को वेस्टइंडीज दौरे पर खेली जाने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए ऋषभ पंत के साथ दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर चुना गया है।
साहा भारत के लिए आखिरी बार जनवरी 2018 में केपटाउन टेस्ट में खेले थे और तब से अलग-अलग चोटों (हैमस्ट्रिंग, अंगूठे, कंधे) की वजह से लगभग 18 महीने और 14 टेस्ट मैचों के बाद अब वापसी की है।
क्यों चुनौती भरा है रिद्धिमान साहा के लिए वेस्टइंडीज दौरा
लेकिन ये दौरा साहा के लिए उम्मीदों से ज्यादा चुनौती लेकर आया है और इस दौरे पर उनके पास हासिल करने के लिए काफी कम होगा।
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने टीम घोषित करते हुए ये स्पष्ट कर दिया था कि साहा को प्लेइंग इलेवन में तभी मौका मिलेगा, जब पंत को आराम दिया जाएगा या वह चोटिल होंगे। इसका मतलब तो ये भी है कि संभव है कि साहा को वेस्टइंडीज दौरे पर खेलने का मौका भी न मिले।
भविष्य के लिए चयनकर्ताओं की नजर पंत पर
साथ ही चयनकर्ता भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं। साथ ही एमएसके प्रसाद ने यह भी कहा कि पिछले एक साल के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले आंध्र प्रदेश के विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत भी इस दौरे पर चुने जाने के बेहद करीब थे।
भरत ने पिछले 12 महीनों में 686 रन बनाए हैं और 41 कैच लिए हैं और 6 स्टम्पिंग की है।
इसका मतलब है कि चयनकर्ताओं की नजरें टेस्ट टीम भविष्य में युवा खिलाड़ियों को शामिल करने पर है और 34 वर्ष के साहा उनकी योजनाओं में फिट नहीं बैठते हैं।
लगातार चोटों और पंत के आने से मुश्किल हुआ साहा की राह
साहा के जनवरी 2018 में चोटिल होने के बाद भारत ने पहले पार्थिव पटेल (दक्षिण अफ्रीका दौरे) को मौका दिया था और फिर दिनेश कार्तिक (इंग्लैंड में पहले तीन टेस्ट मैचों में) को आजमाया।
लेकिन इन दोनों के फ्लॉप होने के बाद ऋषभ पंत को चुना गया और उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट मैचों में अपनी बैटिंग से सबको प्रभावित करते हुए अपना स्थान पक्का कर लिया।
वहीं दूसरी तरफ रिद्धिमान साहा एक बल्लेबाज के तौर पर खासे प्रभावी नहीं रहे हैं और उन्होंने 32 टेस्ट में 30.63 के औसत से 3 शतकों और 5 अर्धशतकों की मदद से 1164 रन बनाए हैं।
लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि धोनी के बाद अब भी साहा ही भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं और कम से कम इस मामले में वह ऋषभ पंत से आगे हैं।
लेकिन भारतीय टीम में खेलने के लिए विकेटकीपर से कहीं ज्यादा एक ऐसा बल्लेबाज होना जरूरी है जो छठे या सातवें नंबर पर बैटिंग के लिए उतरकर पारी को संभाल सके, और इस मामले में ऋषभ पंत साहा से बीस साबित हो सकते हैं।
ऐसे में वेस्टइंडीज दौरा रिद्धिमान साहा के लिए दोहरी चुनौती लेकर आया है। एक तरफ तो उन्हें भारतीय टीम में वापसी का मौका दिया गया तो वहीं दूसरी तरफ अप्रत्यक्ष रूप से बता दिया गया है कि ऋषभ पंत विकेटकीपर के रूप में पहली पसंद है।
चोट से वापसी कर रहे साहा के लिए एक वेस्टइंडीज दौरे पर एक नई चुनौती इंतजार कर रही है। इस दौरे पर चुने जाने के बावजूद साहा को खेलने का मौका मिलने की कम ही संभावना है और अगर उन्हें मौका मिला भी तो उनके सामने बेहतरीन प्रदर्शन करने की चुनौती होगी, खराब प्रदर्शन करने पर उनके लिए टेस्ट टीम की राहें हमेशा के लिए बंद हो सकती हैं।