महान ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का निधन, लगातार 21 मेडन ओवर फेंक बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड, सचिन, गावस्कर ने दी श्रद्धांजलि

Bapu Nadkarni: महान भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का 86 साल की उम्र में निधन, सचिन और गावस्कर ने दी श्रद्धांजलि

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 18, 2020 10:50 AM2020-01-18T10:50:20+5:302020-01-18T10:50:20+5:30

Former India all-rounder Bapu Nadkarni passes away at 86, Sachin and Gavaskar pay tribute | महान ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का निधन, लगातार 21 मेडन ओवर फेंक बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड, सचिन, गावस्कर ने दी श्रद्धांजलि

बापू नाडकर्णी ने 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 21 मेडन ओवर फेंक रचा था इतिहास

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Highlightsमहान भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का 86 वर्ष की उम्र में निधननाडकर्णी ने एक टेस्ट में लगातार 21 मेडन ओवर फेंकते हुए बनाया था रिकॉर्ड

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी (Bapu Nadkarni) का शुक्रवार को 86 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। 

अपनी किफायती गेंदबाजी के लिए चर्चित नाडकर्णी ने अपने 13 साल लंबे इंटरनेशनल करियर में भारत के लिए 41 टेस्ट मैचों में 88 विकेट झटके। इसमें ऑस्ट्रेलिया के 1964/65 में भारत दौरे के दौरान चेन्नई टेस्ट में लिए गए उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (122/11) भी शामिल है।

लगातार 21 ओवर मेडन फेंककर बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड

नाडकर्णी को सबसे ज्यादा सुर्खियां मिलीं 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ मद्रास टेस्ट में लगातार 21 मेडन ओवर फेंककर। इस मैच में नाडकर्णी ने 32 ओवरों में 27 मेडेन फेंकते हुए महज 5 रन दिए। 

लगातार 21 ओवर मेडन फेंकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड (6 गेंदों के ओवर में) टेस्ट और प्रथम श्रेणी दोनों में आज भी कायम है। साथ ही उस मैच में उनका 32 ओवरों में 5 रन देना टेस्ट क्रिकेट में सबसे किफायती गेंदबाजी का रिकॉर्ड है, जो आज भी बरकरार है। (60 से ज्यादा गेंदें फेंकने वाले गेंदबाजों में।)

नाडकर्णी ने टेस्ट करियर में किए कई यादगार प्रदर्शन

कुल मिलाकर नाडकणी ने अपने करियर में कुल चार बार पारी में पांच विकेट लिए, जिनमें से तीन बार उन्होंने ये कमाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया और एक बार उन्होंने वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ पारी में पांच विकेट लिए थे। ये 1967/68 की वही टेस्ट सीरीज थी, जब भारत ने न्यूजीलैंड को हराते हुए विदेशी धरती पर अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी।

नाडकर्णी ने इसके अलावा भी कई यादगार प्रदर्शन किए। पाकिस्तान के 1960/61 में भारत दौरे के दौरान उन्होंने कानपुर टेस्ट में अपनी गेंदबाजी के आंकड़ों से हैरान करते हुए 32 ओवर में 24 मेडन फेंकते हुए 23 रन ही दिए थे। उसी सीरीज के दिल्ली टेस्ट में उनके गेंदबाजी आंकड़े थे 34-24-24-1. 

टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सर्वश्रेष्ठ इकॉनमी रेट नाडकर्णी का

नाडकर्णी के टेस्ट करियर का इकॉनमी रेट 1.67 है जो टेस्ट क्रिकेट में कम से कम 50 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दक्षिण अफ्रीका के ट्रेवर गोड्डार्ड के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ इकॉनमी रेट है। नाडकर्णी ने अपने 191 प्रथम श्रेणी मैचों में 500 विकेट झटके और प्रथम श्रेणी में तो उनका इकॉनमी रेट 1.64 ही था।

नाडकर्णी साथ ही एक उपयोगी बल्लेबाज भी थे। उन्होंने 41 टेस्ट में 7 अर्धशतकों की मदद से और 25.70 की औसत से 88 विकेट लिए।

सचिन और गावस्कर ने जताया बापू नाडकर्णी के निधन पर दुख

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बापू नाडकर्णी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'श्री बापू नाडकर्णी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं टेस्ट में उनके लगातार 21 ओवर मेडेन फेंकने की कहानी सुनते हुए बड़ा हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।' 

वहीं महान ओपनर सुनील गावस्कर ने भी नाडकर्णी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह बहुत ही दृढ़ निश्चय वाले व्यक्ति थे और हमेशा कहते थे कि 'छोड़ो मत' (हार मत मानो)। इसी सोच से से वह जब ग्लव्स और थाई पैड्स इतने अच्छे नहीं हुआ करते थे, तब भी विकेट पर डटे रहते थे। 

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