इंग्लैंड की विश्व कप विजेता टीम के नायक रहे बेन स्टोक्स ने खुलासा किया कि हेडिंग्ले में एशेज टेस्ट में उनके अकेले दम पर टीम को जीत दिलाने का श्रेय डेविड वार्नर के उन्हें परेशान करने के प्रयासों को जाता है जिन्होंने मैदान पर फब्तियां कसकर इस करिश्माई ऑलराउंडर को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। अपनी नयी किताब ‘ऑन फायर’ में स्टोक्स ने कहा कि वह वार्नर ही थे जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया और उनकी टीम को बचाया जिससे उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम को ट्रॉफी रखने से रोक दिया था।
स्टोक्स ने ‘डेली मिरर’ में प्रकाशित किताब के अंश में खुलासा किया, ‘‘मुझे तीसरे दिन शाम के समय मैदान में कुछ बातें कही गयी थीं और उनके कारण ही मैं ज्यादा ही प्रेरित किया। कुछ आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कुछ ज्यादा ही बोल रहे थे, लेकिन डेविड वार्नर मुझे ज्यादा ही परेशान करता दिख रहा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह चुप ही नहीं हो रहा था। मैं किसी और से तो यह सब सुन भी लेता, लेकिन सच कहूं तो उससे नहीं।’’
बता दें कि एशेज सीरीज के दौरान इंग्लैंड की टीम एजबेस्टन टेस्ट हारने के बाद 1-0 से पीछे थी। इसके बाद हेडिंग्ले टेस्ट की पहली पारी में भी मेजबान टीम 67 रन पर सिमट गई तो लगा कि उसके हाथ से एशेज सीरीज निकल गई। ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के सामने इस टेस्ट में 359 रन का लक्ष्य रखा।
इंग्लैंड की टीम इसका पीछा करते हुए लड़खड़ा रही थी। इसके बाद चौथे दिन बेन स्टोक्स ने आखिरी विकेट के लिए जैक लीच के साथ 76 रन की साझेदारी की और जीत दिला दी। इस पार्टनरशिप में लीच का योगदान केवल एक रन था।