कोरोना से लड़ाई में CM नीतीश को मिला RJD का साथ! जगदानंद सिंह बोले- विपक्ष सहयोग देने को तैयार

बिहार में जारी कोरोना के कहर के बीच राजद ने संभावित भयाहवहता को लेकर नीतीश सरकार को आगाह किया है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में तत्काल ऑक्सीजन गैस उपलब्ध कराने की मांग की है।

By एस पी सिन्हा | Published: April 25, 2021 6:04 PM

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ठळक मुद्देनेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर बिहार का अपेक्षित सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि ऑक्सीजन के अभाव में हीं ज्यादा लोग दम तोड़ रहे हैं।

पटना,25 अप्रैल। बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में कोरोना के जारी कहर के बीच राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने नीतीश सरकार को आगाह किह्या है कि कोरोना संक्रमण तेजी के साथ गांव में भी फैलते जा रहा है। यदि तत्काल इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जायेगी। इसके लिए जरूरी है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में तत्काल ऑक्सीजन गैस उपलब्ध कराया जाये। इस बीच 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले बार की तुलना में इस बार के संक्रमण का सबसे बुरा असर लोगों के श्वसन प्रक्रिया पर हो रहा है। श्वास लेने में परेशानी महसूस करने पर लोग पटना भाग रहे हैं। पटना की स्थिति यह है कि यहां किसी अस्पताल में बेड उपलब्ध होना मुश्किल हो गया है। जिला और सदर अस्पतालों की में भी यही स्थिति है। जगदानन्द ने कहा कि गांवों में अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि श्वसन की परेशानी से जूझते हुए मरीज को राजधानी पटना अथवा जिला अस्पतालों तक ला पायें। 

कुछ लोग किसी प्रकार व्यवस्था कर पटना आ भी जा रहे हैं तो उन्हें किसी अस्पताल में जगह नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि कई लोग तो पटना के रास्ते में हीं दम तोड दे रहे हैं। इसलिए यदि हम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हीं ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर देते हैं तो आसानी से बहुतों की जिन्दगी बचाई जा सकती है। 

यदि स्थानीय स्तर पर हम ऑक्सीजन की व्यवस्था कर देते हैं तो जीवन क्षति को काफी हद तक नियंत्रित करने में हम कामयाब हो सकते हैं। अन्यथा गांवों के लोगों को हम नहीं बचा पाए तो स्थिति काफी भयावह हो जायेगी क्योंकि आज भी गांवों में जो सामाजिक शिष्टाचार है। उससे संक्रमण के तीव्र फैलाव को रोकना बहुत हीं मुश्किल हो जायेगा। इसलिए उस स्थिति के आने से पहले हीं हमे सावधानी और एहतियात बरतने की आवश्यकता है। 

जगदानन्द ने कहा कि केन्द्र मे एनडीए की सरकार है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित बिहार के कई मंत्री केन्द्रीय सरकार में शामिल हैं। अभी राज्य हित मे यह जरूरी है कि उनके प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए हम बिहार के लिए आवश्यकता के अनुरूप ऑक्सीजन गैस का आवंटन प्राप्त करें। अभी राजनीति का समय नहीं है, बिहार को बचाने के लिए हम सबों को राजनीतिक दायरा से उपर उठकर काम करने की आवश्यकता है। 

बिहार के हित में उठाये गये हर कदमों के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में जनता के साथ खडी है। ऑक्सीजन, दवाई और वैक्सीन के अभाव में यदि  एक व्यक्ति की भी मृत्यु होती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी राज्य और केन्द्र सरकार की होगी। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाया है। 

इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि वो इतने असहाय, कमजोर और डरपोक क्यों है? तेजस्वी ने ऑक्सीजन से लेकर वैक्सीन के आवंटन में बिहार के साथ भारी भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला बर्ताव कर रही है। उन्होंने बिहार में एनडीए के सभी नेताओं से पार्टी लाइन से उपर उठ कर अपने राज्य को बचाने के लिए आगे आने की अपील की है।

तेजस्वी ने कहा कि घनी आबादी, उच्च संक्रमण दर, आधारभूत स्वास्थ्य संरचना की भारी कमी के लिहाज से बिहार का जो कोटा निर्धारित होना चाहिए उसमें भारी कटौती की गई है। केंद्र सरकार द्वारा बिहार के साथ सौतेला बर्ताव क्यों किया जा रहा है?' राजद नेता ने बिहार के एनडीए नेताओं से राज्य के हक के लिए आवाज उठाने का आग्रह करते हुए लिखा, 'मैं एनडीए नेताओं से आग्रह करता हूं कि निडर होकर दलगत भावना से ऊपर उठ इस महामारी में बिहार के वाजिब हक के लिए आवाज उठाए। 

हम सबों की सामूहिक जिम्मेदारी है की दवा व ईलाज के अभाव में किसी की भी जान ना जाए। बिहार से क्षेत्रफल/आबादी में 5-6 गुणा छोटे प्रदेशों को आवंटन अधिक क्यों?' उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लिखा, 'क्या बिहार के मुख्यमंत्री, दो-दो उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और किसी भी सांसद की हैसियत नहीं कि इन अस्पतालों को यथाशीघ्र शुरू करवा सकें? क्या बिहार और केंद्र सरकार मिल कर कुछ समय के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की इन ईएसआईसी अस्पतालों में अस्थायी नियुक्ति नहीं कर सकती ताकि मरीजो को वापस लौटना और मरना ना पडे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने असहाय कमजोर और डरपोक क्यों है? वो खुल कर केंद्र के सामने विरोध प्रकट क्यों नहीं कर रहे है?'

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