सीएसी को मिली कोच चयन के लिए सीओए की हरी झंडी, एडुल्जी ने जताई थी असहमति

CAC: भारतीय टीम के नए कोच चयन के लिए तीन सदस्यीय सीएसी को सीओए की हरी झंडी मिल गई है, एडुल्जी ने जताई थी असहमति

By भाषा | Published: August 6, 2019 10:59 AM2019-08-06T10:59:52+5:302019-08-06T10:59:52+5:30

CAC gets green light on Coach selection by CoA | सीएसी को मिली कोच चयन के लिए सीओए की हरी झंडी, एडुल्जी ने जताई थी असहमति

कपिल देव की अगुआई वाली सीएसी को मिली कोच चयन की अनुमति

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नई दिल्ली, छह अगस्त: प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना एडुल्जी ने सोमवार को विरोध जताया लेकिन इसके बावजूद कपिल देव की अगुआई वाली समिति को हितों के टकराव मामले में 2-1 से पाक साफ करार दिया गया। इसके साथ ही इनके द्वारा भारतीय पुरुष टीम के कोच की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया।

एडुल्जी का नजरिया समिति के अध्यक्ष विनोद राय और एक अन्य सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) रवि थोडगे से मेल नहीं खाता था। सीओए की बैठक के बाद एडुल्जी ने कहा, ‘‘यह फैसला (मेरे खिलाफ) 2-1 से था। मैंने कहा कि इसे आचरण अधिकारी (डीके जैन) के पास भेजा जाना चाहिए जिससे कि हितों के टकराव पर फैसला हो सके। तदर्थ समिति संविधान में नहीं है। इस तरह मैंने विरोध जताया।’’

कपिल देव की अगुआई वाली नई तदर्थ क्रिकेट सलाहकार समिति के दो अन्य सदस्य अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी हैं। इस समिति ने महिला कोच का भी चयन किया था और एडुल्जी ने समिति के गठन और डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति को गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया था। एडुल्जी ने एक बार फिर तदर्थ समिति की नियुक्ति के तरीके पर सवाल उठाए हैं जिसके संदर्भ में उन्होंने दावा किया है कि यह सीओए के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

एडुल्जी ने कहा, ‘‘यह फैसला करना सीओए के अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि कौन हितों के टकराव के दायरे में है और कौन नहीं। यह काम आचरण अधिकारी को करना है। मैं अपने पूर्व के रुख पर कायम हूं (जब रमन की नियुक्ति की गई थी)। तदर्थ समिति कोच नहीं चुन सकती। यह संविधान में नहीं है।’’ 

बीसीसीआई के एक वर्ग ने उठाए एडुल्जी के रवैये पर सवाल

बीसीसीआई के एक वर्ग ने हालांकि एडुल्जी के इरादों पर सवाल उठाया। कपिल देव की अगुआई वाली नई तदर्थ क्रिकेट सलाहकार समिति के दो अन्य सदस्य अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी हैं। इस समिति ने महिला कोच का भी चयन किया था और एडुल्जी ने समिति के गठन और डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति को गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया था। सूत्रों ने पता चला है कि एडुल्जी ने सीओए की इससे पहले हुई बैठक में भी कपिल की अध्यक्षता में सीएसी के गठन का विरोध किया था और वह चाहती थीं कि चुनाव तक निवर्तमान कोच रवि शास्त्री अपने पद पर बने रहें।

पूर्व में हुई बैठक में जो हुआ उसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बीसीसीआई के चुनावों तक रवि शास्त्री को पद पर बरकरार रखने का लगातार समर्थन करने के लिए इडुल्जी पर आरोप लगाए। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछली बैठक में सीओए के एक सदस्य नहीं चाहता था कि इस समिति का गठन हो। शास्त्री की पुन: नियुक्ति को लेकर उसकी कुछ आशंकाएं हो सकती हैं। कुछ लोगों का मानना है कि अगर शास्त्री को अब दो साल के लिए नियुक्त किया गया तो उसे तब भी पद से नहीं हटाया जा सकेगा जब बीसीसीआई के चुनाव हो जाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव हो सकता है कि अगर रवि के कार्यकाल को तदर्थ रूप से चुनाव तक बढ़ाया जाता है तो बीसीसीआई के नए पदाधिकारियों के पास उसकी पुन: नियुक्ति पर विचार करने का अधिकार होगा।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह खुला रहस्य है कि सीओए का एक सदस्य बीसीसीआई के पूर्व ताकतवर अध्यक्ष के समूह का समर्थक है। यह तय करने की जरूरत है कि क्या इस व्यक्ति को शीर्ष परिषद में एक सीट का वादा किया गया है या नहीं।’’ 

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