बढ़ सकती है संजय बांगड़ की मुश्किलें, मैनेजर या मुख्य कोच के रिपोर्ट करने पर BCCI कर सकता है पूछताछ

सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की प्रभारी राष्ट्रीय चयन समिति होती है। सहयोगी स्टाफ में से सिर्फ बांगड़ को ही हटाया गया, जबकि भरत अरूण (गेंदबाजी कोच) और आर श्रीधर (क्षेत्ररक्षण कोच) को पद पर बरकरार रखा गया है।

By भाषा | Published: September 4, 2019 01:14 PM2019-09-04T13:14:34+5:302019-09-04T13:14:34+5:30

BCCI Will Probe Sanjay Bangar’s Alleged Argument with Selector if Report is Filed | बढ़ सकती है संजय बांगड़ की मुश्किलें, मैनेजर या मुख्य कोच के रिपोर्ट करने पर BCCI कर सकता है पूछताछ

बढ़ सकती है संजय बांगड़ की मुश्किलें, मैनेजर या मुख्य कोच के रिपोर्ट करने पर BCCI कर सकता है पूछताछ

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राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी के साथ कथित तौर पर बदसलूकी के आरोपों पर बीसीसीआई भारत के बर्खास्त बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ से तभी पूछताछ करेगी जब निवर्तमान प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रहमण्यम या मुख्य कोच रवि शास्त्री इस मसले पर आधिकारिक रिपोर्ट दाखिल करें। ऐसी खबरें हैं कि बांगड़ ने हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर गांधी से उनके होटल के कमरे में तीखी बहस की। बांगड़ की जगह अब विक्रम राठौड़ बल्लेबाजी कोच हें। 

बोर्ड के एक अधिकारी ने प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘इन हालात में नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। सबसे पहले तो बांगड़ ने कथित तौर पर जिनके साथ बदसलूकी की है, उन राष्ट्रीय चयनकर्ता गांधी को आधिकारिक शिकायत दर्ज करनी होगी।’’ 

सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की प्रभारी राष्ट्रीय चयन समिति होती है। सहयोगी स्टाफ में से सिर्फ बांगड़ को ही हटाया गया, जबकि भरत अरुण (गेंदबाजी कोच) और आर श्रीधर (क्षेत्ररक्षण कोच) को पद पर बरकरार रखा गया है। बीसीसीआई अधिकारियों ने गांधी और बांगड़ की झड़प की पुष्टि की लेकिन उन्हें नहीं लगता कि मामला और आगे बढ़ेगा क्योंकि अब बांगड़ का बीसीसीआई से करार नहीं है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘निवर्तमान प्रशासनिक प्रबंधन सुब्रहमण्यम को अपनी रिपोर्ट में इस घटना का उल्लेख करना होगा। इसके अलावा मुख्य कोच रवि शास्त्री को भी लिखित में देना होगा कि ऐसी कोई घटना हुई है। यदि ऐसा नहीं होता है तो सीओए के सामने इसे रखने का सवाल ही नहीं होता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बर्खास्त होने पर किसी का भी निराश होना स्वाभाविक है। लेकिन उसे ऐसा क्यो लगा कि उसके कार्यकाल को बढाया ही जायेगा। शास्त्री, अरुण और श्रीधर का प्रदर्शन अच्छा था तो उन्हें बरकरार रखा गया। बांगड़ का प्रदर्शन खराब था तो उसे हटाया गया।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘बांगड़ को गांधी से सवाल पूछने ही नहीं चाहिये थे। उन पर चिल्लाने का कोई औचित्य नहीं था।’’

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