Ind vs WI: फिर सवालों के घेरे में एनसीए रिहैबिलिटेशन, शार्दुल ठाकुर दूसरे टेस्ट से लगभग बाहर

राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम फिर सवालों के घेरे में आ गया।

By भाषा | Published: October 13, 2018 09:52 AM2018-10-13T09:52:32+5:302018-10-13T11:20:18+5:30

NCA rehab under scanner as debutant Shardul's injury recurs | Ind vs WI: फिर सवालों के घेरे में एनसीए रिहैबिलिटेशन, शार्दुल ठाकुर दूसरे टेस्ट से लगभग बाहर

Ind vs WI: फिर सवालों के घेरे में एनसीए रिहैबिलिटेशन, शार्दुल ठाकुर दूसरे टेस्ट से लगभग बाहर

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हैदराबाद, 13 अक्टूबर। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम फिर सवालों के घेरे में आ गया, जब शार्दुल ठाकुर को वेस्टइंडीज के खिलाफ शुक्रवार को पदार्पण टेस्ट में केवल 10 गेंद डालने के बाद मैदान छोड़ना पड़ा, क्योंकि दुबई में एशिया कप के दौरान लगी ग्रोइन की उनकी चोट फिर से उबर गई।

वेस्टइंडीज की पारी के चौथे ओवर की चौथी गेंद करने के बाद ठाकुर दर्द से परेशान दिखे और लंगड़ाते हुए चलने लगे। फिजियो पैट्रिक फरहार्ट के मैदान पर पहुंचने के बाद लगा कि उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है। वह कप्तान विराट कोहली और फिजियो से बात करने के बाद मैदान छोड़कर बाहर चले गए हैं। रविचंद्रन अश्विन ने अंतिम दो गेंद करके यह ओवर पूरा किया।

बीसीसीआई के अधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘शार्दुल ठाकुर स्कैन कराने गए हैं। वह आज मैदान में नहीं आएंगे। टेस्ट मैच के बाकी दिनों में उनकी भागीदारी पर अपडेट उनके स्कैन के बाद किया जाएगा जब टीम प्रबंधन उनकी चोट का आकलन कर लेगा। ’’

यह दूसरी बार है जब यह 26 वर्षीय खिलाड़ी ने लगातार दो अंतरराष्ट्रीय मैचों में बाहर हुआ है। 18 सितंबर को ठाकुर को इससे पहले एशिया कप में हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ मैच के बाद कूल्हे और ग्रोइन की चोट के कारण स्वदेश भेज दिया गया था।

दस दिन बाद 28 सितंबर को वह विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई की तरफ से खेलने उतरे, लेकिन तब उनकी फिटनेस पर सवाल उठने लगे है कि उन्हें एनसीए से खेलने के लिए मंजूरी कैसे मिली।

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ग्रोइन चोट फिटनेस संबंधित चोट है, यह मैदान पर लगी चोट नहीं है। मेरा सवाल है कि शार्दुल को ग्रोइन चोट की शिकायत के 10 दिन के भीतर फिटनेस प्रमाण पत्र कैसे मिल गया और फिर 15 दिन बाद यह चोट फिर से उबर गई।’’

ठाकुर को मोहम्मद शमी की जगह टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया गया। वह इंग्लैंड दौरे में भी टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला था।

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