पूर्व अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के नायक रहे खिलाड़ी मंजोत कालरा को डीडीसीए के नये लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त्) दीपक वर्मा ने रविवार को अंतरिम आदेश में रणजी ट्रॉफी में खेलने की अनुमति दी। कालरा पर उम्र की हेराफेरी संबंधित आरोप लगे थे और इस कारण उन पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से एक सत्र का प्रतिबंध लगा था, लेकिन डीडीसीए लोकपाल ने इस आदेश को बदल दिया।
दिल्ली के पूर्व कप्तान कीर्ति आजाद के गुट ने कालरा के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी और अंडर-23 टूर्नामेंट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। बायें हाथ के इस सलामी बल्लेबाज पर अंडर-16 स्तर से ही उम्र में हेरफेर करने का आरोप लगा था।
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के पूर्व लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बदर दुरेज अहमद ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन आदेश दिया था कि कालरा को क्लब क्रिकेट सहित खेल के सभी प्रारूपों से खेलने से निलंबित कर दिया जायेगा, लेकिन न्यायमूर्ति वर्मा ने आदेश दिया कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए 16 दिसंबर 2019 को दिये आदेश को बदला जाता है, जिससे मंजोत कालरा को अगला आदेश आने तक रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिये और अन्य उम्र ग्रुप वर्गों के सभी मैचों में खेलने की अनुमति दी जायेगी। लोकपाल ने साथ ही डीडीसीए की शीर्ष परिषद को मामले की जांच का निर्देश दिया।