‘हार्ड वर्क’ को ‘स्मार्ट वर्क’ में बदला, इस खिलाड़ी ने कहा- भोजन पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की

ICC T20 World Cup 2022: सूर्यकुमार यादव ने कहा,‘‘ पत्नी देविशा और मैंने 2017-18 में मनन किया और स्मार्ट वर्क करने का फैसला किया। कड़ी मेहनत करते हो जिसके दम पर आप आगे बढ़ते हो लेकिन कुछ अलग किया।’’

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 26, 2022 03:09 PM2022-10-26T15:09:24+5:302022-10-26T15:11:20+5:30

ICC T20 World Cup 2022 Suryakumar Yadav says Changed 'hard work' to 'smart work' game, focus on food and batted more on off side | ‘हार्ड वर्क’ को ‘स्मार्ट वर्क’ में बदला, इस खिलाड़ी ने कहा- भोजन पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की

कुछ ऐसी चीजें की जिनसे मुझे वास्तव में 2018 और 2019 के घरेलू सत्र में मदद मिली।

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Highlightsअपने अभ्यास के तरीके में बदलाव किया।भोजन पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की। कुछ ऐसी चीजें की जिनसे मुझे वास्तव में 2018 और 2019 के घरेलू सत्र में मदद मिली।

ICC T20 World Cup 2022: भारतीय टीम में चयन के लिए लंबा इंतजार करने वाले सूर्यकुमार यादव ने चयनकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अपने खेल में कुछ बदलाव किया तथा अपने ‘हार्ड वर्क’ (कड़ी मेहनत) को ‘स्मार्ट वर्क’ में बदला।

इस 32 वर्षीय बल्लेबाज ने अपने अभ्यास के तरीके में बदलाव किया, अपने भोजन पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की। सूर्यकुमार ने कहा,‘‘ मेरी पत्नी देविशा और मैंने 2017-18 में इस पर मनन किया और कुछ स्मार्ट वर्क करने का फैसला किया। आप कड़ी मेहनत करते हो जिसके दम पर आप आगे बढ़ते हो लेकिन हमने कुछ अलग करने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अलग तरह से अभ्यास करना शुरू किया। मुझे 2018 के बाद एहसास हुआ कि मुझे अपने खेल पर काम करने की जरूरत है। मैंने ऑफ साइड की तरफ अधिक शॉट खेलने शुरू किए।’’ सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘मैंने भोजन पर ध्यान दिया और कम भोजन करना शुरू कर दिया। मैंने कुछ ऐसी चीजें की जिनसे मुझे वास्तव में 2018 और 2019 के घरेलू सत्र में मदद मिली।

इसके बाद 2020 में मेरा शरीर पूरी तरह से बदल गया था।’’ सूर्यकुमार ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर को शुरू करने के 11 साल बाद मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। सूर्यकुमार ने महसूस किया कि वह पहले बिना सोचे समझे अभ्यास कर रहे थे और निराश हो रहे थे।

इसलिए उन्होंने अपने अभ्यास के तरीकों में बदलाव किया। सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘इसमें समय लगा। हमें यह जानने में डेढ़ साल लग गए कि मुझे किन चीजों से मदद मिलेगी और मैं कैसे आगे बढ़ सकता हूं। इसके बाद हम दोनों को एहसास हुआ कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और फिर सब कुछ ठीक होने लगा। मैं जानता था कि मुझे क्या करना है, कैसे और कितना अभ्यास करना है।’’

उन्होंने कहा, इससे पहले मैं केवल अभ्यास कर रहा था और फिर थोड़ा निराश हो जाता था। तब मुझे महसूस हुआ इस तरह के अभ्यास में किसी तरह की गुणवत्ता नहीं है जबकि मैं बहुत अधिक अभ्यास कर रहा हूं। लेकिन 2018 के बाद मेरे अभ्यास, भोजन, नेट सत्र और हर चीज में गुणवत्ता जुड़ गई जिससे मुझे काफी मदद मिली।’’ 

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