बुकी संजीव चावला का सनसनीखेज दावा, 'सभी क्रिकेट मैच होते हैं फिक्स, अंडरवर्ल्ड माफिया करता है खेल को नियंत्रित'

Sanjeev Chawla: 2000 के कुख्यात हैंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग प्रकरण में शामिल रहे कथित सट्टेबाज संजीव चावला ने दावा किया है कि सभी क्रिकेट मैच फिक्स होते हैं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 30, 2020 01:21 PM2020-05-30T13:21:16+5:302020-05-30T13:44:08+5:30

All cricket matches are fixed: Says Bookie Sanjeev Chawla | बुकी संजीव चावला का सनसनीखेज दावा, 'सभी क्रिकेट मैच होते हैं फिक्स, अंडरवर्ल्ड माफिया करता है खेल को नियंत्रित'

सट्टेबाज संजीव चावला ने सभी क्रिकेट मैचों के फिक्स होने का किया दावा (ANI)

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Highlightsमैच फिक्सिंग में अंडरवर्ल्ड माफिया शामिल, ज्यादा कुछ बताया तो मुझे मार देंगे: संजीव चावलालोग जो मैच देखते हैं उनमें से एक भी निष्पक्ष नहीं होता, वे सभी फिक्स होते हैं: संजीव चावला

2000 के हैंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग मामले के मुख्य आरोपी संजीव चावला ने इस मामले को लेकर जारी जांच के दौरान एक सनसनीखेज बयान दिया है। संजीव चावला ने दिल्ली पुलिस को दिए अपने बयान में कि सभी क्रिकेट मैच फिक्स होते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चावला ने कहा, 'कोई भी क्रिकेट मैच निष्पक्ष रूप से नहीं खेला जाता है' और 'सभी क्रिकेट मैच जो लोग देखते हैं, वह फिक्स होता है"। 

माफिया करता है क्रिकेट मैचों को नियंत्रित: संजीव चावला

चावला ने साथ ही क्रिकेट के खेल में 'एक बहुत बड़े सिंडिकेट/अंडरवर्ल्ड माफिया' की भागीदारी की ओर भी इशारा करते हुए कहा, 'ये माफिया क्रिकेट मैचों को वैसे ही नियंत्रित करते हैं जैसे कि फिल्में जो किसी और के द्वारा निर्देशित की जाती हैं।'

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चावला का ये बयान अदालत को सौंपे गए एक पूरक आरोप पत्र का हिस्सा है, लेकिन इस पर आरोपी के हस्ताक्षर नहीं हैं, चावला ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि एक बार माफिया ने इस मामले के जांच अधिकारी डीसीपी (अपराध शाखा) डॉ. जी राम गोपाल नाइक को निशाना बनाया था और उनका जीवन खतरे में था।

फिक्सिंग के बारे में ज्यादा बताया तो माफिया मार देगा मुझे: संजीव चावला

नई दिल्ली में जन्मे और लंदन में रहने वाले कथित सट्टेबाज ने कबूल किया कि कि वह कई सालों से मैच फिक्सिंग में शामिल था, उसने कहा कि वह इस बारे में ज्यादा डिटेल नहीं दे सकता है क्योंकि 'एक बहुत बड़ा सिंडिकेट/अंडरवर्ल्ड माफिया इस मामले में शामिल है और वे खतरनाक लोग हैं और अगर वह कुछ भी कहता है तो वे उसे मार डालेंगे।'

इस बीच, दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने अपने पूरक आरोपपत्र में यह भी कहा है कि जांच में चावला का असहयोगी रवैया अपराध में उसकी संलिप्तता साबित करता है। ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर हाईकोर्ट द्वारा रोक नहीं लगने पाने के चलते चावला इस महीने की शुरुआत में तिहाड़ जेल से बाहर आ गया था। उसे मिली इस राहत के बाद दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामले की सुनवाई अगले महीने होगी।

दिल्ली पुलिस द्वारा 2000 में किए गए मैच फिक्सिंग स्कैंडल में कथित तौर पर संजीव चावला शामिल था। इस खुलासे ने उस समय क्रिकेट की दुनिया में भूचाल ला दिया था, जिसने चावला और क्रोनिए की बातचीत को टैप किया था।

2000 में हुए मैच फिक्सिंग खुलासे के 13 साल बाद 2013 में दिल्ली पुलिस ने चावला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 2000 में भारत का पासपोर्ट निरस्त किए जाने के बाद चावला ने 2005 में ब्रिटेन की नागरिकता ले ली थी।

चावला को इसी साल फरवरी में ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। इसके बाद 14 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने मैच फिक्सिंह मामले में पूछचाछ के लिए उसे 15 दिनों के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था। 

चावला की जेल 15 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि वैसे 28 फरवरी को समाप्त हो गई थी, लेकिन उसके बाद उसकी जमानत की अर्जियां खारिज होती रहीं और देश में 25 मार्च कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन घोषित होने से ये अवधि और बढ़ गई, इसके बाद 2 मई में दिल्ली की एक अदालत ने उसे जमानत दे दी।

2000 में हैंसी क्रोनिए की कप्तानी में भारत आई दक्षिण अफ्रीकी टीम को लेकर हुए मैच फिक्सिंग के सबसे बड़े खुलासे में संजीव चावला भी कथित तौर पर शामिल था। उसकी और क्रोनिए की बातचीत से उसके मैच फिक्सिंग में शामिल होने के संकेत मिलते हैं।

क्रोनिए ने बाद में पैसे लेकर खराब प्रदर्शन करने की बात स्वीकारी थी, लेकिन 2002 में एक प्लेन क्रैश में उनकी मौत होने के बाद दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत ने क्रोनिए के खिलाफ मामला खत्म कर दिया था। 

संजीव चावला को 20 साल की कोशिशों के बाद इसी साल भारतीय जांच एजेंसिया ब्रिटेन से भारत ला पाई थीं।

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