Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माँ जसमनी देवी से लिया आशीर्वाद, फोटो वायरल

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 11, 2023 04:20 PM2023-12-11T16:20:26+5:302023-12-11T16:21:21+5:30

Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को प्रमुख आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुन लिया था।

Vishnu Deo Sai Chhattisgarh's newly elected Chief Minister Vishnu Dev Sai took blessings from mother Jasmani Devi photo goes viral | Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माँ जसमनी देवी से लिया आशीर्वाद, फोटो वायरल

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Highlightsभाजपा ने कुल 90 विधानसभा सीट में से 54 सीट जीतीं। कांग्रेस 35 सीट पर सिमट कर रह गई। आदिवासी सीट को किसी भी दल के लिए सत्ता प्राप्त करने की चाबी कहा जाता है।

Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी माँ जसमनी देवी से आशीर्वाद लिया। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को प्रमुख आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुन लिया था। इसी के साथ ही यह ‘सस्पेंस’ खत्म हो गया कि राज्य का नेतृत्व कौन करेगा।

हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 90 विधानसभा सीट में से 54 सीट जीतीं। कांग्रेस 35 सीट पर सिमट कर रह गई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक सीट जीतने में सफल रही। भाजपा ने राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 जीती हैं। राज्य की आदिवासी सीट को किसी भी दल के लिए सत्ता प्राप्त करने की चाबी कहा जाता है।

भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि दोपहर में यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय में 54 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान साय (59) को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक के बाद साय के नेतृत्व में भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की।

भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, "हमने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा है जिसमें कहा गया है कि साय जी को विधायक दल का नेता चुना गया है।" उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह की तारीख बाद में बताई जाएगी। बाद में राज्यपाल ने भाजपा विधायक दल के नेता विष्णुदेव साय को राज्य में नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रित किया।

साय ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में वह प्रधानमंत्री मोदी की "गारंटी" को पूरा करने की कोशिश करेंगे और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के लिए 18 लाख घरों को मंजूरी देंगे, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल में इस लाभ से वंचित थे। साय ने कहा,‘‘पांच वर्षों में (भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में), प्रधानमंत्री आवास योजना के 18 लाख लाभार्थी इस लाभ से वंचित थे।

इन लाभार्थियों के लिए 18 लाख घरों को मंजूरी देना राज्य में पहला काम होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘25 दिसंबर को, छत्तीसगढ़ राज्य के संस्थापक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर, दो वर्षों के लिए धान खरीद का बोनस, जो पिछली भाजपा सरकार (2013-2018) के दौरान लंबित था, किसानों को दिया जाएगा।’’ साय ने कहा, ‘‘मोदी जी की सभी गारंटी, हमारे चुनावी वादे अगले पांच साल में पूरे हो जाएंगे।’’

साय राज्य के सरगुजा संभाग की कुनकुरी सीट से विधायक चुने गए हैं। भाजपा ने सरगुजा संभाग के सभी 14 क्षेत्रों में जीत हासिल की है। साय राज्य के चौथे मुख्यमंत्री होंगे। उनके पूर्ववर्तियों में 2000 से 2003 तक अजीत जोगी (कांग्रेस), 2003 से 2018 तक रमन सिंह (भाजपा) और 2018 से दिसंबर 2023 तक भूपेश बघेल (कांग्रेस) शामिल हैं।

आदिवासी क्षेत्रों में इस बड़ी जीत ने पांच साल के अंतराल के बाद भाजपा को राज्य की सत्ता में वापसी करने में योगदान दिया है। साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक गांव के सरपंच के रूप में की और महत्वपूर्ण संगठनात्मक पदों पर रहने के अलावा लोकसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री बने।

सरगुजा क्षेत्र के जशपुर जिले से नवनिर्वाचित आदिवासी विधायक साय भाजपा की कार्ययोजना में बिल्कुल फिट बैठते हैं। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की आबादी राज्य की कुल आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है। यह ओबीसी के बाद दूसरा सबसे प्रभावशाली सामाजिक समूह है। साय आदिवासी बहुल जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया में रहने वाले एक किसान परिवार से हैं।

उन्होंने कुनकुरी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और स्नातक के लिए अंबिकापुर चले गए लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 1988 में अपने गांव लौट आए। 1989 में उन्हें बगिया ग्राम पंचायत के 'पंच' के रूप में चुना गया और अगले वर्ष निर्विरोध सरपंच बने। ऐसा माना जाता है कि भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने 1990 में साय को चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था।

उसी वर्ष, साय अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा (जशपुर जिले में) से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे। 1993 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यह सीट बरकरार रखी। साय ने 1998 में निकटवर्ती पत्थलगांव सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहे। बाद में, वह लगातार चार बार - 1999, 2004, 2009 और 2014 में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।

साल 2000 में राज्य निर्माण के बाद भाजपा ने साय को 2003 और 2008 के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव से मैदान में उतारा था लेकिन वह दोनों बार हार गए। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद साय को इस्पात और खनन राज्य मंत्री बनाया गया था।

आदिवासी राजनेता ने 2006 से 2010 तक और फिर जनवरी से अगस्त 2014 तक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। राज्य में 2018 के चुनाव में भाजपा की हार के बाद उन्हें 2020 में फिर से छत्तीसगढ़ में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई। विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले 2022 में उनकी जगह ओबीसी नेता अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

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