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छत्तीसगढ़ में बोले जेपी नड्डा- 'सोनिया-राहुल ने सनातन धर्म का अनादर करने वाला एजेंडा अन्य दलों को सौंपा'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 15, 2023 20:24 IST

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मेरा आरोप है कि दोनों मां-बेटे ने मुंबई की बैठक में सनातन धर्म का अनादर करने वाला एजेंडा द्रमुक एवं अन्य दलों को सौंपा। दरअसल यह कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी का एजेंडा है।

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ठळक मुद्देबीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में थे‘परिवर्तन यात्रा’ के दूसरे चरण को हरी झंडी दिखाईसनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों पर भूपेश बघेल से रुख स्पष्ट करने को कहा

जशपुर: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में थे। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ के दूसरे चरण को हरी झंडी दिखाने के लिए जशपुर में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी निशाना साधा और उनसे सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिये कहा। नड्डा ने  विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि इसके प्रमुख घटक तथा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी का एजेंडा सनातन धर्म का "अनादर" करना है।

भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस सरकार पर घोटालों में शामिल रहने का आरोप लगाया और कहा कि जिन लोगों ने भ्रष्टाचार (गोबर खरीद योजना में कथित घोटाले का जिक्र करते हुए) में गौ माता (गायों) को नहीं छोड़ा, क्या वे आम लोगों को छोड़ेंगे । नड्डा ने कहा कि इंडिया अलायंस, घमंडिया गठबंधन ने एक सितंबर को मुंबई में एक बैठक की। तीन सितंबर को गठबंधन के मजबूत घटक एवं द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को गंभीर बीमारियों से जोड़कर इसका अपमान किया। उन्होंने हर तरह से सनातन धर्म का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उन्होंने कहा, "अगले दिन कर्नाटक सरकार में मंत्री और (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन) खरगे के बेटे ने फिर से सनातन धर्म पर हमला किया और उसके बाद तमिलनाडु के एक और मंत्री ने सनातन धर्म पर निशाना साधा। इससे हमें क्या समझना चाहिए। इस मुद्दे पर सोनिया गांधी आज तक चुप हैं। राहुल पूरी दुनिया में जाते हैं और संविधान के बारे में बात करते हैं लेकिन इस पर एक शब्द भी कहने से बचते हैं। मेरा आरोप है कि दोनों मां-बेटे ने मुंबई की बैठक में सनातन धर्म का अनादर करने वाला एजेंडा द्रमुक एवं अन्य दलों को सौंपा। दरअसल यह कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी का एजेंडा है।"

भाजपा प्रमुख ने पूछा कि क्या संविधान ने किसी को किसी धर्म का अनादर करने का अधिकार दिया है। नड्डा ने राहुल गांधी को लेकर कहा, "आप दुनिया जहान में संविधान की चर्चा करते हैं। क्या संविधान में लिखा है कि किसी धर्म को, किसी विचार को, किसी आस्था को गाली दी जाए या संविधान ने अधिकार दिया है कि किसी धर्म का निरादर करें। कौन से संविधान के किस प्रावधान में लिखा है। तुम कहते हो मैं मोहब्बत की दुकान चलाता हूं, तुम्हारे मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान बिकता है।"

उन्होंने जी—20 शिखर सम्मेलन के दौरान नौ सितंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल नहीं होने के लिए भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आलोचना की। नड्डा ने कहा, "राष्ट्रपति एक महिला हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री (बघेल) को जी-20 के (रात्रिभोज के) लिए आमंत्रित किया था, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। क्या यह आदिवासी समुदाय से आने वाले राष्ट्रपति के प्रति उनका सम्मान है । क्या आपका सम्मान राष्ट्रपति के सम्मान से बड़ा है। खरगे साहब लाल किले पर ध्वजारोहण में शामिल नहीं हुए। क्या आप ऐसे लोगों को अपने राज्य (छत्तीसगढ़) पर आगे शासन करने की अनुमति देंगे।"

भाजपा अध्यक्ष ने इस दौरान लोगों से राज्य में बदलाव लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार पांच साल तक भ्रष्टाचार और झूठे वादे करती रही है। नड्डा ने रैली में आए लोगों से पूछा कि क्या बघेल सरकार ने कोयला परिवहन, शराब, यूरिया खाद, गोबर खरीदी योजना और अन्य क्षेत्रों में भ्रष्टाचार किया है या नहीं, जिस पर लोगों ने हां में जवाब दिया। भाजपा अध्यक्ष ने रैली में लोगों से पूछा कि क्या आप ऐसी सरकार को सत्ता में रहने देते हैं जिसका मुख्यमंत्री सीडी मामले में जमानत पर है और उसका निजी सचिव जेल में है। वह 2017 में दर्ज एक अश्लील सीडी के कथित प्रसार के मामले का जिक्र कर रहे थे, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। राज्य में कथित कोयला लेवी घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल दिसंबर में एक नौकरशाह को गिरफ्तार किया था।

भाजपा अध्यक्ष ने इस दौरान पार्टी की दूसरे चरण की परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाई। यह यात्रा बिलासपुर और सरगुजा संभाग में 13 दिनों में 1,261 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। पहली परिवर्तन यात्रा 12 सितंबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से शुरू हुई थी, जो 16 दिनों में बस्तर, दुर्ग और रायपुर संभागों का दौरा करते हुए 1,728 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। दोनों यात्राएं 87 विधानसभा क्षेत्रों (कुल 90 में से) में 2,989 किमी की दूरी तय करने के बाद एक ही दिन बिलासपुर में समाप्त होंगी। पार्टी नेताओं ने बताया कि 28 सितंबर को समापन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि बीजापुर, सुकमा और अंतागढ़ निर्वाचन क्षेत्रों (सभी माओवाद प्रभावित) को यात्रा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन जब यात्रा आसपास के निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेगी तो इन निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित लोग यात्रा में शामिल होंगे।

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