दुनिया में अर्थव्यवस्था का हाल, बैंक ऑफ इंग्लैंड, स्विस नेशनल बैंक और फेडरल बैंक ने बढ़ाईं ब्याज दरें, जानें क्या होगा विश्व में असर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 16, 2022 09:28 PM2022-12-16T21:28:29+5:302022-12-16T21:29:16+5:30

मुद्रास्फीति में नरमी के साथ वृद्धि की गति नरम हुई है। बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) ने नीतिगत दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत कर दी। यह 14 साल का उच्चस्तर है।

world bank Bank of England raised policy rate by 0-50 percent 14 year old high Swiss National Bank increased American Central Bank Federal increased interest rates  | दुनिया में अर्थव्यवस्था का हाल, बैंक ऑफ इंग्लैंड, स्विस नेशनल बैंक और फेडरल बैंक ने बढ़ाईं ब्याज दरें, जानें क्या होगा विश्व में असर

विश्व के इकोनॉमी पर कोविड का असर देखने लगा है।

Highlightsदिसंबर, 2021 से यह लगातार नौवीं बार है, जब नीतिगत दर में वृद्धि की गयी है।पिछली बार केंद्रीय बैंक ने 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की थी जो 30 साल में ब्याज दर में सबसे ज्यादा वृद्धि थी।मुद्रास्फीति के 41 साल के उच्चस्तर से नीचे आने के साथ इस बार अधिकारियों ने नीतिगत दर में वृद्धि की गति नरम की है।

लंदनः विश्व के इकोनॉमी पर कोविड का असर देखने लगा है। दुनिया के कई बैंक नीतिगत दर और ब्याज दरें बढ़ाने शुरू कर दी हैं। ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर में फिर से आधा प्रतिशत की वृद्धि की। हालांकि, मुद्रास्फीति में नरमी के साथ वृद्धि की गति नरम हुई है। बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) ने नीतिगत दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत कर दी।

यह 14 साल का उच्चस्तर है। दिसंबर, 2021 से यह लगातार नौवीं बार है, जब नीतिगत दर में वृद्धि की गयी है। पिछली बार केंद्रीय बैंक ने 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की थी जो 30 साल में ब्याज दर में सबसे ज्यादा वृद्धि थी। मुद्रास्फीति के 41 साल के उच्चस्तर से नीचे आने के साथ इस बार अधिकारियों ने नीतिगत दर में वृद्धि की गति नरम की है।

महंगाई दर निकट भविष्य में काफी ऊंची रहने की आशंका

हालांकि, उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि आने वाले समय में इस तरह की और वृद्धि हो सकती है। बीओई की मौद्रिक नीति समिति ने कहा कि पिछले महीने ब्रिटेन में लंबे समय तक मंदी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर निकट भविष्य में काफी ऊंची रहने की आशंका जतायी गयी थी।

अगर ऐसी स्थिति होती है, तो मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में लाने के लिये नीतिगत दर में और वृद्धि की जरूरत पड़ सकती है। समिति ने कहा, ‘‘परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अगर मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ता है, इसको काबू में लाने के लिये कदम उठाये जाएंगे।’’

प्रमुख नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की और साथ में यह भी संकेत दिया कि महंगाई को काबू में लाने के लिये आने वाले दिनों में ब्याज दर में और वृद्धि की जा सकती है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 4.25-4.50 प्रतिशत कर दिया है। यह 15 साल का उच्चस्तर है।

स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की

स्विस नेशनल बैंक ने बृहस्पतिवार को अपनी प्रमुख ब्याज दरें बढ़ा दीं। यूरोप के अन्य केंद्रीय बैंक भी मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकते हैं। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की है।

एक दिन पहले फेडरल रिजर्व ने भी इतनी ही वृद्धि की थी और ऐसा अनुमान है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड भी ब्याज दरों में इतनी ही वृद्धि कर सकते हैं। स्विस बैंक ने कहा कि हाल के महीनों में महंगाई में कुछ नरमी जरूर आई है।

लेकिन उपभोक्ता मूल्य नवंबर में तीन प्रतिशत पर पहुंच गया। हालांकि बैंक ने 0.50 प्रतिशत की जो वृद्धि की है वह उसके नरम रुख को दर्शाती है क्योंकि इससे पहले सितंबर में उसने 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की थी जो अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि थी।

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