नाले की दिशा बदलने से सोसाइटी में घुसा गंदा पानी, उच्च स्तरीय जांच की मांग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 9, 2025 17:50 IST2025-05-09T17:50:03+5:302025-05-09T17:50:46+5:30
2 मई को नाले की दीवार टूट गई और नाले का गंदा पानी सीधे सोसाइटी के बेसमेंट में घुस गया।

सांकेतिक फोटो
गाजियाबादः गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार स्थित प्रतीक ग्रैंड सिटी की दो हाउसिंग सोसाइटियों, ग्रैंड कार्नेशिया और ग्रैंड पायोनिया के बेसमेंट में बीते दिनों गंदा पानी भर गया। प्रतीक ग्रुप का आरोप है कि यह हादसा एक अन्य बिल्डर द्वारा नाले की दिशा अवैध रूप से बदलने और उसके प्रवाह को रोकने के कारण हुआ। ग्रुप ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रतीक ग्रुप की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उनका प्रोजेक्ट साइट एक पुराने कच्चे नाले के रास्ते में पड़ता है, जो हिंडन नदी की ओर बहता है।
लेकिन इसी रास्ते में एक अन्य बिल्डर ने कथित रूप से नाले की दिशा मोड़ दी, जिससे नाले का प्राकृतिक बहाव बाधित हुआ। इसके कारण 2 मई को नाले की दीवार टूट गई और नाले का गंदा पानी सीधे सोसाइटी के बेसमेंट में घुस गया। इस जलभराव ने सोसाइटी के सैकड़ों परिवारों को भारी परेशानी में डाल दिया। बेसमेंट में गाड़ियां डूब गईं, लिफ्ट और पानी की सप्लाई जैसी जरूरी सेवाएं ठप हो गईं।
प्रशासन और टीम की मदद से किया राहत कार्य
हालात बिगड़ते देख प्रतीक ग्रुप ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। जिला प्रशासन, गाज़ियाबाद नगर निगम और आवास विकास परिषद के सहयोग से ग्रुप ने करीब 100 कर्मचारियों की टीम लगाई, एक हेल्प डेस्क बनाई और करीब 3000 परिवार को 20-20 लीटर पीने का पानी पहुंचाया गया। कई पंप, ट्रैक्टर और मशीनें लगाकर दिन-रात पानी निकाला गया।
महज चार दिन में बेसमेंट से पूरा पानी निकाला गया, सैनिटाइजेशन हुआ और सभी जरूरी सेवाएं दोबारा चालू कर दी गईं। प्रतीक ग्रुप ने यह भी घोषणा की कि वह इलाके में स्थायी और पक्की ड्रेनेज लाइन का निर्माण अपने खर्च पर करेगा, ताकि भविष्य में ऐसा हादसा न हो।
इसके साथ ही ग्रुप ने राज्य सरकार, प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय को इस पूरे मामले की शिकायत भेज दी है। ग्रुप का कहना है कि एप्पल मैप्स पर भी नाले की दिशा में बदलाव साफ दिख रहा है, जो उनके दावे को मजबूत करता है। फिलहाल प्रतीक ग्रैंड सिटी में हालात सामान्य हो चुके हैं, लेकिन सोसाइटी के निवासी अब भी चिंता में हैं कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं।