ट्राई ने सरकार से केबल ऑपरेटरो का एजीआर मुद्दा सुलझाने को कहा
By भाषा | Published: August 31, 2021 11:06 PM2021-08-31T23:06:01+5:302021-08-31T23:06:01+5:30
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने तथा कनेक्शन की गति को बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। इसमें ब्रॉडबैंड की न्यूनतम रफ्तार को 2 मेगाबिट प्रति सेकेंड तय करने की सिफारिश की गई है। नियामक ने उसके द्वारा पूर्व में परिभाषित समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को भी अपनाने की सिफारिश की है। इससे केबल टीवी ऑपरेटर इस योजना के दायरे में आ सकेंगे। ट्राई ने मंगलवार को कहा, ‘‘केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (नियमन) कानून, 1995 के तहत पंजीकृत केबल ऑपरेटरों को ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे संबंधित एजीआर की गणना के मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्राधिकरण पहले ही अपनी सिफारिेशें सरकार को दे चुका है।’’ ट्राई ने दूरसंचार गतिविधियों को छोड़कर अन्य परिचालन से आय के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी लाइसेंस/अनुमति, यूएसओ कोष से प्राप्ति को मान्य सकल राजस्व की गणना से अलग करने को कहा है। नियामक ने दूरसंचार विभाग को अपनी सिफारिशों में ऐसे स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया को तेज करने को भी कहा है जिन्हें 5जी के लिए उपयुक्त समझा जाता है। ट्राई ने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे पहले ‘नेशनल राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू)’ नीति लेकर आनी चाहिए ताकि देशभर में दूरसंचार नेटवर्क के समक्ष आने वाली अड़चनों को दूर किया जा सके।
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