बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 29, 2019 19:48 IST2019-08-29T19:48:29+5:302019-08-29T19:48:29+5:30
रपट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र ने 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों को रिपोर्ट किया। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 5,916 मामलों का था और इसमें धोखाधड़ी की राशि 41,167.04 करोड़ रुपये थी।

इस दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की राशि 52,200 करोड़ रुपये रही है।
देश में पिछले साल बैंकों द्वारा सूचित धोखाधड़ी के मामलों में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि धोखाधड़ी की राशि 73.8 प्रतिशत बढ़कर 71,542.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी।
आरबीआई की वार्षिक रपट में यह आंकड़ा दिया गया है। रपट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र ने 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों को रिपोर्ट किया। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 5,916 मामलों का था और इसमें धोखाधड़ी की राशि 41,167.04 करोड़ रुपये थी।
आलोच्य वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले। इसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों का स्थान रहा। रपट में कहा गया है कि धोखाधड़ी होने और बैंकों में उसका पता लगने के बीच की औसत अवधि 22 माह रही है।
इसमें कहा गया है कि बड़ी धोखाधड़ी के मामलों, यानी 100 करोड़ रुपये से उससे अधिक के धोखाधड़ी के मामलों के होने और उनका पता लगने का समय औसतन 55 माह रहा है। इस दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की राशि 52,200 करोड़ रुपये रही है।
सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले अग्रिम राशि से जुड़े रहे हैं। इसके बाद कार्ड, इंटरनेट और जमा राशि से जुड़े धोखाधड़ी के मामले सामने आये हैं। वर्ष 2018- 19 में कार्ड, इंटरनेट और जमा राशि से जुड़े धोखाधड़ी राशि कुल धोखाधड़ी के समक्ष मात्र 0.3 प्रतिशत रही है।