खटाई में पड़ी बंद पड़ी एमएमसी को पटरी पर लाने की योजना, जानें मामला
By भाषा | Published: November 14, 2022 04:07 PM2022-11-14T16:07:54+5:302022-11-14T16:09:41+5:30
अधिकारियों ने कहा कि कोल इंडिया और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ समूह में शामिल बीईएमएल ने पुनरुद्धार योजना से हटने का इच्छा जतायी है।
कोलकाता: बंद पड़ी कंपनी माइनिंग एंड अलॉयड कॉरपोरेशन लि. (एमएएमसी) को सार्वजनिक क्षेत्र की तीन इकाइयों के समूह द्वारा पटरी पर लाने की योजना ऐसा लगता है कि खटाई में पड़ गयी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह संकेत दिया। अधिकारियों ने कहा कि कोल इंडिया और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ समूह में शामिल बीईएमएल ने पुनरुद्धार योजना से हटने का इच्छा जतायी है।
कंपनियों के समूह के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, "बीईएमएल ने समूह से हटने की इच्छा जतायी है। इसका कारण सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव है। हालांकि, अभी इस बारे में कोई औपचारिक निर्णय नहीं हुआ है।" उल्लेखनीय है कि समूह ने 2010 में अदालत के निर्देश पर हुई नीलामी में कर्ज में डूबी कंपनी को 100 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था।
बीईएमएल की संयुक्त उद्यम में 48 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि कोल इंडिया और डीवीसी की 26-26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा, "बीईएमएल ने कोल इंडिया और डीवीसी के समक्ष हिस्सेदारी वापस करने की इच्छा जतायी है।"
कंपनी ने अपने निवेशकों को दी सूचना में कहा, "चूंकि भारत सरकार ने बीईएमएल में रणनीतिक विनिवेश की योजना बनायी है और यह काफी आगे बढ़ गया है। इसको देखते हुए बीईएमएल ने कोल इंडिया और डीवीसी से अदालत की नीलामी में खरीदे गये उसके शेयर लेने और संपत्ति का मूल्य का निपटान करने का आग्रह किया है।"
इस बारे में बीईएमएल को भेजे गये ई-मेल का अबतक कोई जवाब नहीं आया है। ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार जल्दी ही बीईएमएल में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिये रुचि पत्र आमंत्रित करेगी। केंद्र की कंपनी में 54 प्रतिशत हिस्सेदारी है।