सैट ने कहा तकनीकी सदस्य की अनुपस्थिति में भी वह अपील पर सुनवाई कर सकता है
By भाषा | Published: May 18, 2021 10:24 PM2021-05-18T22:24:03+5:302021-05-18T22:24:03+5:30
नयी दिल्ली, 18 मई प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा है कि उसकी कोई पीठ पीठासीन अधिकारी और एक न्यायिक सदस्य के साथ किसी मामले की सुनवाई करने का अधिकार रखती है भले ही उसमें कोई तकनीकी सदस्य नहीं हो।
सैट ने यह व्यवस्था पूंजी बाजार नियामक सेबी की एक आपत्ति के बाद दी है जिसमें बाजार विनियामक ने अपीलों को सुनने वाली सैट की पीठ के स्वरूप पर सवाल उठाए थे।
सेबी का कहना था कि न्यायाधिकरण को तब तक अपील पर सुनवाई नहीं करनी चाहिये जब तक कि केन्द्र सरकार तकनीकी सदस्य की नियुक्ति नहीं कर देती है।
न्यायाधिकरण की पीठ पीठासीन अधिकारी, एक न्यायिक सदस्य और तकनीकी सदस्य को मिलाकर काम करती रही है। तकनीकी सदस्य ने 31 मार्च 2021 को पदभार छोड़ दिया। उसके बाद से सैट की पीठ में पीठासीन अधिकारी और एक न्यायिक सदस्य ही बचे हैं।
सेबी का तर्क है कि प्रत्येक पीठ में कम से कम एक तकनीकी सदस्य होना चाहिये। अब जबकि तकनीकी सदस्य नहीं है तो पीठ का गठन दोषपूर्ण है, ऐसे में उसके द्वारा सोमवार को पारित आदेश ‘बिना न्यायाधीश का’ आदेश माना जाएगा।
सेबी कानून की धारा 15एल(2)(बी) के प्रावधानों के तहत यह कहा गया है कि प्रत्येक पीठ में कम से कम एक तकनीकी सदस्य होना आवश्यक है। सेबी ने अपील दायर किए जाने के समय भी इसी तरह की दलील दी थी।
सैट के आदेश में कहा गया, ‘‘हमारा पक्के तौर पर यह मानना है कि वर्तमान में तकनीकी सदसय की उपलब्धता नहीं होने के कारण पीठासीन अधिकारी और न्यायिक अधिकारी को मिलाकर सुनवाई कर रही पीठ में कोई दोष नहीं है। पीठासीन अधिकारी और न्यायिक अधिकारी को मिलाकर बनी पीठ उसके समक्ष आने वाले मामले की सुनवाई कर सकती है और फैसला दे सकती है।’’
न्यायाधिकरण ने कहा कि उसने मामले का समाधान कर लिया है लेकिन स्थायी समाधान यही होगा कि केन्द्र सरकार रिक्त पद को जल्द से जल्द भरे।
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