RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती महंगाई से किसानों को राहत देने के मकसद से बिना गारंटी के अब दो लाख रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की है। अभी यह सीमा 1.6 लाख रुपये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए बुधवार को कहा, ‘‘मुद्रास्फीति और कृषि में उपयोग होने वाले कच्चे माल की लागत में वृद्धि को देखते हुए गारंटी मुक्त कृषि ऋण की सीमा को 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का निर्णय किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि इससे वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने को लेकर छोटे और सीमांत किसानों का दायरा बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2010 में कृषि क्षेत्र को बिना किसी गारंटी के एक लाख रुपये देने की सीमा तय की थी। बाद में, 2019 में इसे बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दिया गया था। आरबीआई ने कहा कि इस संबंध में परिपत्र जल्द ही जारी किया जाएगा।
RBI Monetary Policy: इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
* प्रमुख ब्याज दर (रेपो) 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।
* आरबीआई ने मौद्रिक नीति रुख को ‘तटस्थ’ पर बनाये रखा है।
* नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत किया गया। इससे बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
* आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत किया ।
* वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत किया गया।
* कृषि क्षेत्र के लिए गारंटी मुक्त ऋण को 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये प्रति कर्जदार किया गया।
* एफसीएनआर (बी) जमा पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा बढ़ाई गई।
* लघु वित्त बैंकों को यूपीआई के जरिये पूर्व-स्वीकृत कर्ज सुविधा की अनुमति दी गई है।
* आरबीआई आम जनता तक सूचना के व्यापक प्रसार के लिए ‘पॉडकास्ट’ शुरू करेगा।
* आरबीआई वित्तीय क्षेत्र में कृत्रिम मेधा (एआई) के जिम्मेदार, नैतिक इस्तेमाल के लिए एक रूपरेखा तैयार करने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगा।
* मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक अगले साल पांच-सात फरवरी को होगी।