पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लेने से पड़ोसी मुल्क पर पडे़गा कितना असर? जानिए इस मुद्दे से जुड़े सभी जरूरी तथ्य

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 16, 2019 12:44 PM2019-02-16T12:44:07+5:302019-02-16T13:19:31+5:30

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती कार बम से हमला कर दिया। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये। करीब एक दर्जन से ज्यादा जवान गंभीर रूप से घायल हैं।

Pulwama Attack practical fall out of India's withdrawal of MFN status from Pakistan | पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लेने से पड़ोसी मुल्क पर पडे़गा कितना असर? जानिए इस मुद्दे से जुड़े सभी जरूरी तथ्य

भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी (बाएं) ने कहा है कि शहीदों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। वहीं पाकिस्तानी पीएम का पुलवामा हमले पर अभी तक कोई निजी बयान नहीं आया है।

Highlightsगुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गये।शुक्रवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने पुलवामा हमले के बाद उपजे हालत पर चर्चा की।सीसीएस की बैठक के बाद अरुण जेटली ने घोषणा की कि भारत पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लेगा।

पुलवामा हमले में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों के शहीद होने के बाद शुक्रवार ने पाकिस्तान के खिलाफ पहला बड़ा फैसले लेते हुए पड़ोसी देश को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन (सबसे तरजीही राष्ट्र( (MFN) का दर्जा वापस लेने की घोषणा की। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार सुबह हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मीटिंग में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के अलावा सभी प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल थे।

सीसीएस की बैठक के बाद अरुण जेटली ने मीडिया को भारत सरकार के पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस लेने से जुड़ी जानकारी दी।

मीडिया के बड़े तबके में इसे नरेंद्र मोदी सरकार का बड़ा फैसला बताया गया लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार के इस फैसले के ज़मीनी असर और पाकिस्तान पर पड़ने वाले सम्भावित दावों को लेकर अपनी शंकाएँ भी जाहिर कीं।

भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान को कितना नुकसान होगा और उस पर कितना दबाव होगा इस पर चर्चा से पहले आइए संक्षेप में जानते हैं कि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा क्या है?

क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन (Most Favoured Nation, MFN)?

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए <a href='https://www.lokmatnews.in/topics/crpf/'>सीआरपीएफ</a> जवानों की जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी की गयी लिस्ट।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी की गयी लिस्ट।
मोस्ट फेवर्ड नेशन  (MFN) या सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा मूलतः एक व्यापारिक-वाणिज्यिक संधि या समझौता है।

विश्व व्यापार संगठन (WTO) के जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (GATT) के तहत सभी सदस्य देशों को एक दूसरे को MFN का दर्जा देना होता है।

MFN का दर्जा देने के मतलब है कि WTO के GATT समझौते के तहत आने वाले देश आपस में आयात शुल्क एवं आयात-निर्यात से जुड़े अन्य टैक्सों को लेकर भेदभाव भरी नीति नहीं अपना सकते।

भारत और पाकिस्तान दोनों ही WTO के सदस्य हैं। WTO और GATT के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए भारत ने 1996 में पाकिस्तान को MFN का दर्जा दे दिया था। 

हालाँकि पाकिस्तान ने भारत को अभी तक MFN का दर्जा नहीं दिया है।

WTO के प्रावधानों के तहत सदस्य देश युद्ध के दौरान आतंरिक सुरक्षा एवं अन्य आपातकालिन स्थितियों में किसी देश को दिया गया MFN का दर्जा वापस ले सकता है। 

भारत द्वारा पाकिस्तान से MFN दर्जा वापस लेने का परिणाम?

पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लेने का सीधा मतलब यह हुआ कि अब हिन्दुस्तान पाकिस्तान से आयात किये जाने वाले वस्तुओं और सामग्रियों पर चाहे जितना आयात शुल्क या अन्य टैक्स लगा सकता है।

भारत पाकिस्तान से खजूर, पोर्टलैंड सीमेंट, पेट्रोलियम पदार्थ, यूरिया इत्यादि चीजों का आयात करता है।

पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लेने से किसका फायदा, किसका नुकसान?

भारत अगर पाकिस्तान से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर शुल्क या टैक्स बढ़ाता है तो पाकिस्तान भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत से पाकिस्तान निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा सकता है।

ध्यान रखने की बात है कि भारत पाकिस्तान से जितने मूल्य की वस्तुएँ पाकिस्तान से आयात करता है उससे बहुत मूल्य की वस्तुओं पाकिस्तान को निर्यात करता है।

ऐसे में MFN का दर्जा वापस लेकर भारत पाकिस्तानी आयात को प्रभावित करता है तो पड़ोसी मुल्क की जवाबी कार्रवाई के बाद भारत का पाकिस्तान को निर्यात सीधे तौर पर प्रभावित होगा। 

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फ़ॉरेन ट्रेड (IIFT) के राकेश मोहन जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर पाकिस्तान भी भारत की खिलाफ ऐसा ही कदम उठाता है तो हिंदुस्तान को ज्यादा घाटा होगा।

जोशी ने मीडिया से कहा, "सरकार को सम्भल कर क़दम उठाना चाहिए क्योंकि भारत पाकिस्तान से आयात से ज्यादा निर्यात करता है।"

वित्त वर्ष 2017-18 में भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी व्यापार करीब 2.41 अरब डॉलर का रहा था। 

वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने पाकिस्तान से 48.85 करोड़ डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया था।

वहीं इस दौरान भारत ने पाकिस्तान को 1.92 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया। यानी भारत करीब दोगुनी राशि की वस्तुओं को पाकिस्तान को बेचता है।

भारत पाकिस्तान को कच्चा कपास, सूत, केमिकल, प्लास्टिक, ऊन और डाई निर्यात करता है। 

भारत की अर्थव्यवस्था पर MFN से जुड़े फैसले का असर

भारत और पाकिस्तान के आपसी व्यापार के परिदृश्य में देखें तो पड़ोसी मुल्क से MFN का दर्जा वापस लेना हिन्दुस्तान के हित में नहीं नज़र आता लेकिन हम देश के कुल कारोबार के लिहाज से देखें तो तस्वीर थोड़ी अलग दिखेगी।

वित्त वर्ष 2017-18 में पाकिस्तान से भारत का आपसी व्यापार करीब 2.4 अरब डॉलर का था जो उसी वित्त वर्ष में भारत के कुल ट्रेड मर्चेंडाइज का मात्र 0.5 प्रतिशत था।

भारत ने वित्त वर्ष 2017-18 में पाकिस्तान को कुल 1.9 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया जो उस साल भारत द्वारा किये गये कुल निर्यात के एक प्रतिशत से भी कम था।

वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने पाकिस्तान से 48.80 करोड़ डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया जो उस वित्त वर्ष में भारत द्वारा किए गए कुल आयात का महज 0.2 प्रतिशत था। 

साफ है कि भारत वित्तीय तौर पर आसानी से इस फैसले के परिणाम वहन कर सकता है।

भारत द्वारा पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस लिये जाने का फैसला वाणिज्यिक से ज्यादा कूटनीतिक है।

English summary :
After the Cabinet Committee on Security (CCS) meeting by PM Narendra Modi, Home Minister Rajnath Singh, Union Mininster Arun Jaitley, Foreign Minister Sushma Swaraj and National Security Advisor (NSA) Ajit Doval on Pulwama Terror attack on CRPF convoy on 14th February, Indian government decided to withdraw 'Most Favoured Nation' (MFN) status to Pakistan. Know what is MFN (Most Favoured Nation status) and how it will impact on Pakistan and Indian economy.


Web Title: Pulwama Attack practical fall out of India's withdrawal of MFN status from Pakistan

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