NPS vs UPS: एक अप्रैल 2004 के बाद नौकरी कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर लागू, ओपीएस और एनपीएस के बाद यूपीएस, आखिर क्या है और कैसे उठाएंगे फायदा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 25, 2024 06:43 IST2024-08-25T06:41:03+5:302024-08-25T06:43:23+5:30
NPS vs UPS Unified Pension Scheme 2025: यह पेंशन योजना, एनपीएस से पहले के कर्मचारियों के लिए लागू परिभाषित लाभ के बजाय योगदान के आधार पर लाभ देती है।

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NPS vs UPS Unified Pension Scheme 2025: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सेवा में शामिल होने वाले 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित रूप से वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने को मंजूरी दे दी। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक अप्रैल, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है। केंद्र सरकार नई पेंशन लेकर आई है। इस पेंशन का नाम यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है। सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) थी, जिसे बंद कर दिया गया। इसके बाद नई पेंशन योजना (NPS) पेश किया गया।
सरकार ने पुरानी पेंशन की मांग कर रहे कर्मचारी के सामने न्यू यूनीफाइड पेंशन स्कीम दे दिया। पुरानी पेंशन योजना को बंद कर 2004 में नई पेंशन योजना पेश किया था। यह पेंशन योजना, एनपीएस से पहले के कर्मचारियों के लिए लागू परिभाषित लाभ के बजाय योगदान के आधार पर लाभ देती है।
मंत्रिमंडल के फैसलों की घोषणा करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे।
उन्होंने कहा कि पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। एनपीएस खाताधारक अब यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं, जो अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से सुनिश्चित पेंशन देगी।
पिछले साल, वित्त मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के मौजूदा ढांचे में किसी बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
कई गैर-भाजपा शासित राज्यों ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस अपनाने का फैसला किया है और कुछ अन्य राज्यों में भी कर्मचारी संगठनों ने इसकी मांग उठाई है। कैबिनेट सचिव मनोनीत टी वी सोमनाथन ने कहा कि नई योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू है।