खुशखबरी! RuPay क्रेडिट कार्ड से इतने रुपए तक के UPI ट्रांजैक्शन करने पर नहीं देना होगा कोई शुल्क
By भाषा | Published: October 5, 2022 03:32 PM2022-10-05T15:32:55+5:302022-10-05T16:45:05+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस सर्कुलर में कहा गया है, ‘‘यह परिपत्र जारी होने की तारीख से लागू होगा। सदस्यों से अनुरोध है कि वे इस पर ध्यान दें और इस परिपत्र की सामग्री को संबंधित हितधारकों के संज्ञान में लाएं।’’
नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर रूपे क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के एक हालिया सर्कुलर में यह निर्देश दिया गया है। आपको बता दें कि रूपे क्रेडिट कार्ड पिछले चार साल से परिचालन में है और सभी प्रमुख बैंक इससे जुड़े हुए हैं।
सर्कुलर में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्या कहा
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चार अक्टूबर को जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘‘ऐप पर क्रेडिट कार्ड को जोड़ने और यूपीआई पिन बनाने की प्रक्रिया में सभी प्रकार के लेनदेन में क्रेडिट कार्ड को सक्षम करने के लिए ग्राहक की सहमति जरूरी है।’’
रूपे के क्रेडिट कार्ड पर 2,000 रुपए के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं
एनपीसीआई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए ऐप की मौजूदा प्रक्रिया क्रेडिट कार्ड पर भी लागू होगी। इसमें कहा गया है कि इस श्रेणी के लिए शून्य मर्चेंट रियायती दर (एमडीआर) 2,000 रुपए से कम और उसके बराबर लेनदेन राशि तक लागू होगी।
सूचना में कहा गया है, ‘‘यह परिपत्र जारी होने की तारीख से लागू होगा। सदस्यों से अनुरोध है कि वे इस पर ध्यान दें और इस परिपत्र की सामग्री को संबंधित हितधारकों के संज्ञान में लाएं।’’
इससे पहले रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने क्या कहा था
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने पहले कहा था, ‘‘क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने का मूल उद्देश्य ग्राहक को भुगतान के व्यापक विकल्प उपलब्ध कराना है। वर्तमान में यूपीआई डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत खातों या चालू खातों से जुड़ा हुआ है।’’
आरबीआई द्वारा कृत्रिम मेधा, मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाएगा
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अपने व्यापक डेटाबेस का विश्लेषण करने और बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर नियामकीय निगरानी को बेहतर बनाने के लिए उन्नत विश्लेषण, कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग का अधिकाधिक इस्तेमाल करने की योजना है।
इस उद्देश्य के लिए केंद्रीय बैंक बाहरी विशेषज्ञों की सेवा लेने पर भी विचार कर रहा है। गौरतलब है कि आरबीआई निगरानी प्रक्रियाओं में एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) का उपयोग पहले से ही कर रहा है।
वह अब यह सुनिश्चित करने के लिए इसे उन्नत करने का इरादा रखता है कि उन्नत विश्लेषण का लाभ केंद्रीय बैंक में पर्यवेक्षण विभाग को मिल सके। विभाग निगरानी जांच के लिए एमएल मॉडल विकसित कर रहा है और उनका इस्तेमाल कर रहा है।
आरबीआई के निगरानी या निरीक्षण के अधिकार में ये बैंक आते है
आपको बता दें कि आरबीआई के निगरानी या निरीक्षण के अधिकार के दायरे में बैंक, शहरी सहकारी बैंक, एनबीएफसी, भुगतान बैंक, लघु वित्तीय बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक, कर्ज सूचना कंपनियां और चुनिंदा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान आते हैं।
केंद्रीय बैंक ने आधुनिक विश्लेषण, कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग के परामर्शदाताओं की सेवा लेने के लिए रुचि पत्र पेश किया है। इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य रिजर्व बैंक की डेटा आधारित निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने का है।