देश में अनुसंधान, विकास आधारित दूरसंचार विनिर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत: डीओटी अधिकारी
By भाषा | Published: June 9, 2021 11:53 PM2021-06-09T23:53:09+5:302021-06-09T23:53:09+5:30
नयी दिल्ली, नौ जून देश में केवल कलपुर्जो को जोड़ने पर आधारित उत्पादन के बजाए अनुसंधान एवं विकास आधारित उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सदस्य (प्रौद्योगिकी) टी के पॉल ने बुधवार को यह कहा। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर रिपोर्ट के अनुसार दूरसंचार उपकरण और इंटीग्रेटेड सर्किट तथा कल-पुर्जो में भारत का योगदान क्रमश: केवल 0.15 प्रतिशत और 0.068 प्रतिशत है।
पॉल ने कहा कि यह स्थिति दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिये डिजाइन आधारित विनिर्माण का आह्वान करता है।
उन्होंने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के कार्यक्रम में कहा, ‘‘...केवल एसेंबली आधारित विनिर्माण के बजाय अनुसंधान एवं विकास की क्षमताओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।’’
पॉल ने कहा, ‘‘वर्तमान में देश में दूरसंचार उपकरणों की 85 प्रतिशत मांग आयात के जरिये पूरी की जाती है। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप आपूर्ति की तुलना में बढ़ी हुई मांग के कारण उपकरणों की लागत बढ़ गई है। यह हमारे लिए विनिर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ने और घरेलू आवश्यकता को पूरा करने का सही समय है।’’
पॉल ने कहा, ‘‘दूरसंचार विनिर्माण में आत्मनिर्भरता समय की जरूरत है।
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