मौद्रिक नीति समीक्षाः रिजर्व बैंक ने दिया झटका, मई से लेकर अबतक पांच बार रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि, जानें 12 मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 7, 2022 01:34 PM2022-12-07T13:34:46+5:302022-12-07T13:36:51+5:30

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।’’

Monetary policy Reserve Bank increased repo rate by 2-25 percent in total five times since May know 12 main things | मौद्रिक नीति समीक्षाः रिजर्व बैंक ने दिया झटका, मई से लेकर अबतक पांच बार रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि, जानें 12 मुख्य बातें

मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत बढ़ाई गयी थी।

Highlightsसीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर तथा बैंक दर 6.50 प्रतिशत हो गयी है।मई से लेकर अबतक कुल पांच बार में रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत बढ़ाई गयी थी।

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के मकसद से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो 0.35 प्रतिशत और बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दी। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

 

रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी।

मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:

...रेपो दर 0.35 प्रतिशत बढ़कर 6.25 प्रतिशत हुई।

...चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत किया गया।

...मुद्रास्फीति मार्च तिमाही में घटकर छह प्रतिशत से नीचे आएगी। चालू वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान।

...अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। देश तीव्र आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

...वैश्विक स्तर पर लंबे समय से जारी तनाव से परिदृश्य के समक्ष सबसे बड़ा जोखिम वैश्विक मंदी और वैश्विक वित्तीय स्थिति का कड़ा होना है।

...मुद्रास्फीति के खिलाफ अभी कार्रवाई पूरी नहीं हुई है। केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति की उभरती स्थिति पर ‘अर्जुन की आंख’ की तरह नजर रखेगा।

...डॉलर में मजबूती के साथ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव सीमित है।

...चालू खाते का घाटा प्रबंधन योग्य, विदेशी मुद्रा भंडार 551.2 अरब डॉलर के संतोषजनक स्तर पर।

...बैंकों में नकदी की स्थिति अधिशेष स्तर पर। .

..रबी मौसम में बुवाई अबतक सामान्य बुवाई रकबे से 6.8 प्रतिशत अधिक।

... गैर-खाद्य कर्ज अप्रैल-नवंबर में बढ़कर 10.6 लाख करोड़ रुपये। एक साल पहले यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था।

...यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) जल्दी ही ग्राहकों को किसी उद्देश्य विशेष के लिये खाते में अपनी राशि को ‘ब्लॉक’ करने की अनुमति देगा।

Web Title: Monetary policy Reserve Bank increased repo rate by 2-25 percent in total five times since May know 12 main things

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