मारुति चालू वित्त वर्ष में करेगी 5,000 करोड़ रुपये का निवेश, बाजार में उतारेगी नए मॉडल
By भाषा | Published: May 15, 2022 03:16 PM2022-05-15T15:16:07+5:302022-05-15T15:21:02+5:30
मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) चालू वित्त वर्ष में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे पहले कंपनी ने 2021-22 में करीब 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) चालू वित्त वर्ष में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी इस निवेश का उपयोग मुख्य रूप से नए उत्पाद पेश करने और अन्य आवश्यक पहलूओं पर करेगी।
कंपनी ने 2021-22 में करीब 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। मारुति का मानना है कि इसकी मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्प के गुजरात में निवेश से उसे देश में अपने बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की सिरीज का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
मारुति के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अजय सेठ ने विश्लेषक कॉल में कहा कि चालू वित्त वर्ष में हमने विभिन्न परियोजनाओं पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है।
अजय सेठ ने कहा, ‘‘हम मारुती के कुछ नए मॉडल को बाजार में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी इस निवेश का प्रबंधन अपने आंतरिक संसाधनों से करेगी।
मारुति की गुजरात में स्थानीय स्तर पर बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) और इनकी बैटरियों के विनिर्माण पर निवेश करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सेठ ने कहा, ‘‘इस निवेश से इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण का स्थानीयकरण करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे देश में कंपनी के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो का विस्तार भी हो सकेगा।’’
कंपनी की योजना अपना पहला बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन 2025 में लाने की है। मारुति सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन ने मार्च में घोषणा की थी कि वह गुजरात में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन और बीईवी बैटरियों के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण के लिए 2026 तक 150 अरब येन या 10,445 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
सेमीकंडक्टर की कमी से संबंधित सवाल पर सेठ ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की आपूर्ति की स्थिति अब भी भरोसेमंद नहीं है। इससे 2022-23 में भी उत्पादन पर कुछ असर पड़ सकता है।’’
चिप की कमी की वजह से उत्पादन संबंधी मुद्दों के चलते अभी कंपनी के करीब 3.2 लाख ऑर्डर लंबित हैं। मारुति के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘‘इस साल भी चिप का संकट चुनौती रहेगा, लेकिन हम अपने उत्पादन को अधिकतम करने का प्रयास करेंगे।’’
हाइब्रिड के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी काफी शक्तिशाली है और यह ईवी के साथ मिलकर कॉर्बन और तेल आयात घटाने में मददगार हो सकती है।
उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी ईवी का करीब 30 से 40 प्रतिशत काम करती है। यह एक रोचक विकल्प है और हम भविष्य में इस तरह की प्रौद्योगिकियों पर गौर करेंगे।