मध्य प्रदेश बजटः कोई नया कर नहीं, लोक सेवा गारंटी कानून में बदलाव होगा, 9 नए मेडिकल कॉलेज, जानें बड़ी बातें...
By शिवअनुराग पटैरया | Published: March 2, 2021 07:28 PM2021-03-02T19:28:14+5:302021-03-02T19:35:18+5:30
Madhya Pradesh Budget 2021-22: मध्य प्रदेश का बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि यह बजट नया जीवन देने वाला है.
Madhya Pradesh Budget 2021-22: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने बजट पेश किया. बजट में 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ बजट में न कोई नया कर लगाया गया है और न ही कोई कर बढ़ाया गया है.
बजट में खेती-किसानी से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर बेरोजगारों और उद्योग के लिए कई नई घोषणाएं एवं प्रावधान घोषित किए गए. राज्य के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि लोकसेवा गारंटी योजना के तहत आने वाली 258 से ज्यादा योजनाओं अगर नियत समय पर अनुमति नहीं मिली तो डीम्ड अनुमति जारी हो जाएगी.
लगभग एक घंटा 26 मिनट लंबे बजट भाषण में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण में कहा कि कमलनाथ सरकार में बंद कर दी गई संबल से लेकर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को फिर से संचालित किया जाएगा. स्कूलों में एक साल में 24 हजार 200 नए शिक्षकों की भर्ती की जाएंगी. इसी तरह पुलिस में चार हजार नई भर्तियां की जाएंगी.
वित्तमंत्री देवड़ा ने जल क्रांति का ऐलान करते हुए कहा कि गांव और शहरों को घर-घर नल के जरिए पानी पहुंचाने के लिए बजट को साढे़ तीन गुना बढ़ा दिया गया है. अब इस पर 5962 करोड़ रुपए खर्च करेंगे. पहले यह बजट 1364 करोड़ रुपए था. जल जीवन मिशन के तहत यह काम पूरा किया जाएगा. गांवों में सोलर पंप के जरिए पानी की सप्लाई कराएंगे ताकि बिजली बिलों का भार कम हो सके.
नर्मदा एक्सप्रेस : वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि चंबल के अटल प्रोग्रेस-वे की तरह अब पूर्व से पश्चिम को जोड़ने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस-वे का खाका तैयार किया गया है. नर्मदा एक्सप्रेस-वे के किनारे उद्योग विकसित करने की भी योजना है. बजट में भोपाल के गैस पीड़ितों के लिए बड़ा ऐलान किया गया है. केंद्रीय पेंशन योजना बंद होने के बाद अब पीड़ितों को राज्य सरकार के स्वयं के स्तर से पेंशन उपलब्ध कराएगी.
9 नए मेडिकल कालेज : वित्तमंत्री देवड़ा ने घोषणा की कि प्रदेश में 9 मेडिकल कालेज श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, दमोह, छतरपुर एवं सिवनी में खोले जाएंगे.
कृषि अर्थ व्यवस्था का आधार : वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि अर्थ-व्यवस्था का आधार है. कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है. नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी. इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,220 करोड़ रुपए की राशि बजट में रखी गई है.
शहरों को मिलेगा नया स्वरूप : वित्तमंत्री ने बजट में कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी. आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है.
अन्य प्रमुख विशेषताएं
* ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और 6 जिलों में नये सोलर पार्क के लिए बजट.
* 65 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट.
* पुलिस में चार हजार और शिक्षकों के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय.
* पांच जनजातीय विकासखंडों में कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के लिए परिवहन व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट.
* चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट.
* प्रधामनंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 6 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य.
* पन्ना में डायमंड म्यूजियम बनेगा.
* छतरपुर जिले में जटाशंकर पर रोप-वे का निर्माण होगा.
* संबल योजना पुन: प्रारंभ की गई है.
बजट - किस क्षेत्र में कितनी राशि
क्रं. क्षेत्र बजट का हिस्सा (प्रतिशत)
1. अधोसंरचना विकास 20.35
2. शिक्षा 18.87
3. कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र 16.29
4. स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र 7.20
5. गरीब कल्याण 5.51़
6. महिला 4.92
प्रगति पथ पर ले जाना वाला बजट : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश का आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाएगा. मध्यप्रदेश तेज गति से आत्म-निर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा. गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है.
यह बजट 'सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया' के ध्येय वाक्य को क्रियान्वित करने का माध्यम है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज पेश हुए मध्यप्रदेश के बजट को जन-आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक मान सकते हैं. यह बजट सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है. कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बाद क्षतिग्रस्त हुई अर्थव्यवस्था को पुन: खड़ा कर आम लोगों का हित संवर्धन सुनिश्चित होगा.
आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश बनाने का बजट
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प सितंबर 2020 में लिया गया था. मध्यप्रदेश में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का निर्माण किया गया. जनता के सुझाव प्राप्त किए गए. अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार को आधार बनाया गया. इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घ अवधि की दृष्टि से बजट का निर्माण किया गया.
मिशन मोड में कार्य करेंगे 9 नए मिशन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख स्तंभ हैं. इसके अंतर्गत 9 नए मिशन संचालित होंगे. भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होंगे. शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे. अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन दक्ष और मिशन स्वावलंबन शुरु किए जाएंगे. इसके अलावा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरु होगा, जिसका नाम मिशन जन-गण होगा. सरकार दिन-रात मिशन मोड में कार्य कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करेगी.
शिवराज सरकार का आम बजट झूठ का पुलिंदा : कमलनाथ
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार के आज पेश बजट को झूठ का पुलिंदा, आंकड़ों का मायाजाल, दिशाहीन व बेहद निराशा जनक बताते हुए कहा कि यह बजट केवल प्रावधान और प्रस्तावित से भरा हुआ है.
कमलनाथ ने बताया कि इस बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की बात कही गई है, लेकिन भाजपा सरकार भाजपा और उसके नेताओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में ही काम कर रही है. हमारी सरकार की किसान कर्ज माफी योजना को आगे बढ़ाने को लेकर इस बजट में कुछ नहीं है जबकि आज सबसे बड़ी प्राथमिकता कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने की है लेकिन किसानी-खेती के लिए इस बजट में कुछ नहीं है?
कमलनाथ ने कहा कि जनता उम्मीद कर रही थी कि महंगाई से राहत के लिए इस बजट में पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों में कमी के लिए सरकार वैट में कमी करेगी लेकिन जनता ठगी रह गई? वहीं पंजीयन शुल्क में कमी की भी जनता को काफी उम्मीदें थी लेकिन वह भी नहीं की गई? बढ़ते बेरोजगारी के आंकड़े को देखते हुए उम्मीद थी कि रोजगार को लेकर व नई नौकरियों के सृजन को लेकर इस बजट में कोई ठोस कार्ययोजना होगी लेकिन उसका भी अभाव इस बजट में देखने को मिला.