हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर SEBI प्रमुख माधबी बुच का आया बयान, निवेश किया, लेकिन ये नहीं पता था...
By आकाश चौरसिया | Published: August 12, 2024 10:18 AM2024-08-12T10:18:41+5:302024-08-12T11:05:02+5:30
अमेरिका बेस्ड शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों पर सेबी प्रमुख ने अपना पहला बयान जारी कर कहा कि यह उचित बात है कि एक फंड में दंपति का निवेश था। रिपोर्ट में ये भी कहा कि अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी।
नई दिल्ली: हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप द्वारा संचालित किए गए ऑफशोर सेलिंग, उसमें सेबी का कोई हस्ताक्षेप नहीं होना, जिसपर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि यह एक बड़े षड्यंत्र की ओर इंगित करता है। यह हम नहीं बल्कि अमेरिका बेस्ड शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की ओर से कहा जा रहा है, यही नहीं इस रवैये से रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई है कि माधबी बुच के साथ कथित तौर पर अडानी ग्रुप का संबंध है। अमेरिका बेस्ड कंपनी ने आरोप लगाया गया है कि सेबी प्रमुख और उनके पति की अडानी ग्रुप के ऑफशोर सेलिंग फंड में उनकी हिस्सेदारी थी।
अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अडानी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी। अमेरिकी कंपनी ने आरोप लगाया कि बुच और उनके पति धवल ने एक फंड में निवेश किया था। इसका गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी इस्तेमाल कर रहे थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने सिंगापुर में 5 जून, 2015 में आईपीई प्लस फंड 1 अकाउंट ओपन करके निवेश किया। बताया जा रहा है यह फंड धवल बुच के दोस्त अनिल आहूजा के द्वारा ओपन किया गया था। इस बीच सेबी प्रमुख और उनके पति ने हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों पर बयान जारी किया। हिंडनबर्ग ने जो आरोप लगाएं, साल 2015 में सिंगापुर में रहते हुए निजी नागरिक के रूप में निवेश किया, यह बात तब कि है, जब माधबी बुच ने सेबी दो साल बाद सेबी को पूर्णकालिक रूप से ज्वाइन किया।
बुच की प्रतिक्रिया अब सार्वजनिक रूप से विनोद अडानी द्वारा कथित तौर पर निकाले गए धन के साथ-साथ एक अस्पष्ट बरमूडा/मॉरीशस फंड संरचना में उनके निवेश की पुष्टि करती है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अडानी के निदेशक थे।
गौरतलब है कि रविवार को हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि बुच दंपति ने कहा कि अनिल आहूजा, धवल बुच बचपन के दोस्त थे और आईआईटी दिल्ली और सिटिबैंक में रहते हुए दोनों ने एक साथ काम किया, जेपी मॉर्गन, 3आई ग्रुप पीएलसी में भी साथ काम किया। इससे पता चलता है कि दोनों का निवेश बाजार में अच्छा खासा अनुभव रहा है। लेकिन इसके बावजूद अनिल आहूजा ने कहा है कि किसी भी समय फंड ने किसी भी अडानी समूह की कंपनी के बांड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया।
हालांकि, बुच दंपति ने ये बताया कि साल 2018 में फंड में अनिल आहूजा के सीआईओ पोजिशन से हटने के बाद उन्होंने निवेश बाहर कर दिया। जैसा कि अनिल आहूजा ने पुष्टि की, फंड ने किसी भी अडानी समूह की कंपनी के किसी भी बांड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया।
हालांकि, जहां निवेश किया गया, उसका इस्तेमाल अडानी के भाई विनोद अडानी कर रहे हैं। यह IIFL द्वारा निवेश का एक हिस्सा है, जिसमें दंपति ने कुल 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया था।
New allegations from Hindenburg Research accuse Sebi Chief Madhabi Puri Buch of a conflict of interest in the Adani case.
— The Indian Express (@IndianExpress) August 11, 2024
Buch and her husband strongly deny these claims, calling them "baseless" and offering full transparency.
As political tensions rise, with demands for a… pic.twitter.com/h6AaRMirxU
बुच की प्रतिक्रिया अब सार्वजनिक रूप से विनोद अडानी द्वारा कथित तौर पर निकाले गए धन के साथ-साथ एक अस्पष्ट बरमूडा/मॉरीशस फंड संरचना में उनके निवेश की पुष्टि करता है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अडानी के निदेशक थे।
Buch’s statement also claims that the two consulting companies she set up, including the Indian entity and the opaque Singaporean entity “became immediately dormant on her appointment with SEBI” in 2017, with her husband taking over starting in 2019.
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 11, 2024
Per its latest shareholding… pic.twitter.com/gh7jS3zJKZ
अभी भी माधबी बुच की है हिस्सेदारी
31 मार्च, 2024 तक इसकी नवीनतम शेयरधारिता सूची के अनुसार, एगोरा एडवाइजरी लिमिटेड (इंडिया) का 99% स्वामित्व अभी भी माधबी बुच के पास है, न कि उनके पति के पास। यह इकाई वर्तमान में सक्रिय है और परामर्श राजस्व उत्पन्न कर रही है।
इसके अलावा, सिंगापुर के रिकॉर्ड के अनुसार, बुच 16 मार्च, 2022 तक एगोरा पार्टनर्स सिंगापुर की 100% शेयरधारक बनी रहीं और सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने पूरे समय के दौरान वह इसकी मालिक रहीं। सेबी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के 2 सप्ताह बाद ही उन्होंने अपने शेयर अपने पति के नाम पर स्थानांतरित कर दिए।